नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी जिले के निघासन क्षेत्र में दो बहनों के शव पेड़ फंदे से लटकते मिले हैं. जिसके बाद से विपक्षी पार्टियां एक बार फिर योगी सरकार पर हमलावर हैं. बुधवार शाम एक खेत में दो सगी बहनों के शव पेड़ पर फंदे से लटकते मिले. दोनों लड़किया दलित समुदाय की थीं.
इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया. लड़कियों की मां ने पड़ोस के गांव के रहने वाले तीन युवकों पर उसकी बेटियों को अगवा कर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है.
मृतकों के शरीर का पोस्टमार्टम कर दिया गया है. पोस्टमार्टम के बाद सीएमओ डॉ अरुणेंद्र त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि वीडियोग्राफर की मौजूदगी में डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया. रिपोर्ट की एक कॉपी कोर्ट को और एक कॉपी SP को सौंपी जाएगी. मामले में इंसाफ होगा.’
वहीं इस मामले पर प्रशांत कुमार, ADG कानून-व्यवस्था ने बताया कि 14 सितंबर को सूचना मिली कि दो बहनों का शव लटका मिला है. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. मृतका की माताजी की शिकायत पर मामला दर्ज़ किया गया. त्वरित गति से जांच करते हुए इस मामले की सभी पहलुओं को देखा गया.
उन्होंने कहा, ‘सभी फोरेंसिक सबूत एकत्रित किए गए. 24 घंटों के भीतर सभी अभियुक्त गिरफ़्तार किए गए. इसमें एक अभियुक्त पुलिस कार्रवाई में घायल भी हुआ है. इस संबंध में पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है और शव परिजनों को सौंपा जा चुका है.’
लखीमपुर खीरी के एसपी संजीव सुमन ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश मामला महिलाओं के खिलाफ और समाज के एक कमजोर वर्ग के खिलाफ है. हमने गति और संवेदनशीलता के साथ काम किया. आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 302, 376 और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.’
मामलें में एक ज्ञात और तीन अज्ञात लोगों को नामजद किया गया था. पुलिस ने गंभीरता से विवेचना शुरू की. तीनों अज्ञात लोग(जुनैद, सुहैल और हाफिजुर रहमान) आरोपी छोटू जो मृतका का पड़ोसी है, उसके परिचित हैं.
लखीमपुर खीरी में दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाली दो बहनों के शव पेड़ से लटके पाए गए. परिवार वालों का आरोप है कि दोनों लड़कियों का अपहरण किया गया था.
राहुल, माया, अखिलेश, सहित विपक्षियों ने योगी को घेरा
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. भारत जोड़ो अभियान चला रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे विचलित करने वाली घटना बताया है.
वहीं उन्होंने ट्वीट किया, ‘लखीमपुर में दिन-दहाड़े, दो नाबालिग, दलित बहनों के अपहरण के बाद उनकी हत्या, बेहद विचलित करने वाली घटना है.’
राहुल गांधी ने भाजपा का नाम लिए बगैर उस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती. हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा.’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना की तुलना हाथरस कांड से करते हुए ट्वीट किया, ‘निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया. लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है.’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘लखीमपुर में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है. परिजनों का कहना है कि उन लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था. रोज अखबारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती. आखिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? कब जागेगी सरकार?’
कब जागेगी सरकार?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 14, 2022
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट किया, यूपी में अपराधी बेखोफ हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं ही गलत हैं. यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है.’
उन्होंने लिखा, ‘हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं. यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे.’
लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण व दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुःखद व शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम.
राजनीति नहीं सांत्वना देने का समय
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘ मैं विपक्ष के नेताओं से अनुरोध करूंगा कि ऐसे समय में राजनीति करने की जगह पीड़ित परिवार को सांत्वना देने का काम करे.’
लखीमपुर की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस दुख की घड़ी में सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. अपराध करने वाला एक भी अपराधी बच नहीं पाएगा. उनके खिलाफ ऐसी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी जो एक मिशाल बनेगी.’
2. यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है। हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 15, 2022
छह आरोपियों को गिरफ्तार किया
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों के पेड़ से लटके शव मिलने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि बुधवार की शाम निघासन कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से कुछ दूरी पर गन्ने के खेत में पेड़ पर फंदे से लटकते दो किशोरियों के शव मिले. उन्होंने बताया कि दोनों लड़कियां दलित समुदाय की हैं.
इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया. पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन और अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और नाराज ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
सूत्रों ने बताया कि मृत लड़कियों की मां का आरोप है कि पड़ोस के गांव के रहने वाले तीन युवकों ने उसकी बेटियों को उनकी झोपड़ी के पास से अगवा करने के बाद उनकी हत्या कर दी.
उन्होंने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं और मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता लग सकेगा.
प्रेम संबंध का दावा
लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन ने गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘हमने घटना के बाद रातभर चले तलाशी अभियान के दौरान जुनैद, सोहेल, हाफिजुर रहमान, करीमुद्दीन, आरिफ और छोटू को गिरफ्तार किया है.’
एसपी ने दावा किया कि जुनैद और सोहेल के दोनों मृतक बहनों के साथ प्रेम संबंध थे.
उन्होंने कहा, ‘प्रारंभिक जांच के अनुसार, जुनैद और सोहेल के कहने पर दोनों बहनें बुधवार दोपहर अपने घर से निकली थीं. हाफिजुर रहमान भी जुनैद और सोहेल के साथ मौजूद था. जुनैद और सोहेल ने कबूल किया है कि उन्होंने दोनों लड़कियों के साथ दु्ष्कर्म करने के बाद उनका गला घोंट दिया.’
सुमन ने बताया, ‘जुनैद और सोहेल ने शवों को ठिकाने लगाने के लिए करीमुद्दीन और आरिफ को बुलाया. बाद में उन्होंने इसे आत्महत्या के मामले के रूप में दर्शाने के लिए दोनों बहनों के शव को पेड़ पर लटकाने का फैसला किया.’
लखीमपुर खीरी मामले में मृतका के पिता ने कहा ‘मैं चाहता हूं कि इंसाफ होना चाहिए. उनको(आरोपियों को) फांसी होनी चाहिए.’