नई दिल्ली: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की एक टीम ने शनिवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए झारखंड के पलामू के पांडु इलाके का दौरा किया, जहां कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा लगभग 50 दलित परिवारों को जबरन बाहर निकाल दिया गया था.
दौरे के बाद आयोग ने राज्य सरकार की ओर से असहयोग और पुलिस पर लापरवाही का भी आरोप लगाया. इससे पहले एसडीपीओ सुरजीत कुमार और सदर एसडीओ राजेश शाह समेत आला अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों की शिकायत सुनी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया.
अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्र आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा, ‘हमने अपने दौरे के बाद पता चला कि प्रशासन इस समुदाय की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है.
हलदर ने कहा कि मुख्य सचिव और डीजीपी उन्हें अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए पत्र लिखे जाने के बावजूद नहीं आए.
उन्होंने कहा, ‘आयोग दिल्ली से आया था. हमने मुख्य सचिव और डीजीपी को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए लिखा था. हमने उनसे कई बार संपर्क किया लेकिन वे नहीं आए. इससे पता चलता है कि वे आयोग को कैसे ले रहे हैं.’
उपाध्यक्ष ने बताया कि आयोग ‘जल्द ही उन्हें औपचारिक नोटिस भेजेगा’ और मामले पर मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब करेगा.
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