नई दिल्ली: असम के बोंगाइगांव जिले में अधिकारियों ने बुधवार को एक मदरसे को ढहा दिया जिसके परिसर में कथित तौर पर ‘जिहादी’ गतिविधियां चल रही थीं. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
असम सरकार द्वारा गिराई गई ये तीसरी मस्जिद है. इससे पहले प्रशासन ने 4 और 29 अगस्त को भी दो मदरसे गिराए थे. अब तक इस मामले में 37 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें इमाम और मदरसे के शिक्षक शामिल हैं.
एआईयूडीएफ के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ‘2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैं… भाजपा को 2024 में सत्ता बनाए रखने के लिए मुस्लिम वोटों की जरूरत है. मुसलमानों पर उनके द्वारा हमले बढ़ रहे हैं और इसलिए डरे हुए मुसलमान उन्हें वोट देंगे.’
2024 के चुनाव से पहले मुसलमानों और मदरसों पर हमले बढ़े हैं… भाजपा को 2024 में सत्ता बनाए रखने के लिए मुस्लिम वोटों की जरूरत है। मुसलमानों पर उनके द्वारा हमले बढ़ रहे हैं और इसलिए डरे हुए मुसलमान उन्हें वोट देंगे: मौलाना बदरुद्दीन अजमल, AIUDF अध्यक्ष, गुवाहाटी pic.twitter.com/Ckpi0hv1Uj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2022
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मदरसों को आतंकियों के ट्रेनिंग हब बताया था और कहा था कि उनका इस्तेमाल शिक्षा के बजाए आतंक की ट्रेनिंग के लिए की जा रही है. 4 अगस्त को मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था, ‘अब तक राज्य में हम 800 मदरसों को हटा चुके हैं लेकिन अभी भी राज्य में कई कौमी मदरसा मौजूद है. नागरिकों और परिजनों को इन मदरसों पर ध्यान देना चाहिए कि वे किस तरह के विषय पढ़ा रहे हैं.’
असम सरकार ने 2020 में मदरसों को मिलने वाला अनुदान पर रोक लगा दी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 2 साल में 800 मदरसे बंद हो चुके हैं. राज्य में निजी मदरसे भी चलते हैं जिनका संचालन ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया करती है.
सरकार द्वारा फंडेड मदरसों को स्कूल में बदलने के लिए असम रिपीलिंग एक्ट 2020 लाया गया था जिसे गुवाहाटी हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था लेकिन इस साल ही सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गई थी. सरमा जब राज्य में शिक्षा मंत्री थे तब वे इस बिल को लेकर आए थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसार-उल-बांग्ला टीम से संबंध होने के संदेह में पिछले सप्ताह मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया था.
अधिकारी ने कहा कि जिले के जोगीघोपा इलाके में स्थित दो मंजिला कबायतारी मा आरिफ मदरसे को तोड़ने के लिए बुलडोजर तैनात किए गए थे. मदरसे के परिसर में बने अन्य ढांचों को भी ढहा दिया गया.
इससे पहले सोमवार को बारपेटा जिले में एक मदरसे को ढहा दिया गया था, जिसमें कथित रूप से अंसार-उल-बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्य चार वर्ष से रह रहे थे.
बारपेटा पुलिस ने इस मामले में मदरसे के प्रिंसिपल, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था.
बोंगाईगांव के पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात गोलपाड़ा पुलिस को एक अभियान के दौरान कबायतारी मा आरिफ मदरसे की कैंटीन से ‘जिहादी’ तत्वों से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसके बाद इसे ढहाया जा रहा है.
गोलपाड़ा पुलिस ने पिछले हफ्ते मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया था और उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर छापेमारी की गई थी.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने मदरसे को भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था और घोषित किया था कि यह रिहाइश के लिए उपयुक्त नहीं है.’
अधिकारी ने कहा, ‘मदरसे में 224 छात्र थे, और अधिकारियों ने उन्हें 30 अगस्त की रात तक परिसर खाली करने के लिए कहा था. जिला प्रशासन ने घर जाने में उनकी मदद की. ज्यादातर बच्चों के अभिभावक आए और उन्हें ले गए.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)
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