नई दिल्ली: लगातार तंज सुनते हुए कि उनमें से हर एक ने बीजेपी के साथ मिलकर नई महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए पचास खोखे (50 करोड़ रुपए) लिए थे, बागी शिवसेना विधायक गुरुवार को अपने उस ‘वादे’ से पलट गए कि वो अपनी पार्टी के संस्थापक ठाकरे परिवार को कभी निशाना नहीं बनाएंगे.
असेंबली सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को बागियों ने- जो अब बीजेपी के साथ सरकार में हैं- विधान भवन की सीढ़ियों पर अपना अभूतपूर्व प्रदर्शन जारी रखा और बड़े उग्र ढंग से शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य का उपहास किया.
विश्लेषकों का कहना था कि ठाकरे खेमे की ओर से लगातार आलोचना सहने के बाद, बागी विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अंतर्गत आक्रामक हो गए हैं. जब से उन्होंने शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराया था तब से इस खेमे ने उन्हें निरंतर निशाने पर लिया है.
विधान सभा सत्र के शुरू से ठाकरे गुट ने बागियों द्वारा दलबदल के लिए बीजेपी से ‘50 करोड़ रुपए रिश्वत’ लेने के बारे में नारे लगाए हैं और ये भी कहा कि उन्होंने प्रवर्त्तन निदेशालय (ईडी) के डर से ऐसा किया है. देशभर में विपक्षी पार्टियां सामान्य रूप से ये राग अलापती रही हैं कि बीजेपी ने अपनी जांच एजेंसियों को राजनीतिक विरोधियों के पीछे लगा दिया है.
शिंदे खेमे के मुख्य सचेतक भरतेश गोगावले ने गुरुवार को कहा, ‘हमने असेंबली सत्र की शुरुआत से इसे सहन किया है. अब हम भी विरोध करेंगे. अगर आप हमें निशाना बनाते हैं तो हम भी आपको निशाना बनाएंगे. आप अपनी सीमा में रहेंगे तो हम अपनी सीमा में रहेंगे’.
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आदित्य-विरोधी प्रचार
बागी विधायकों को बैनर्स उठाए हुए देखा गया जिनमें उन्होंने आदित्य ठाकरे को ‘परम पूज्य (पप्पू) युवराज’ कहकर संबोधित किया और आरोप लगाया कि पर्यटन मंत्री की हैसियत से वो कभी घर से बाहर नहीं निकले लेकिन अब राज्य का दौरा करके, ठाकरे गुट के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.
बैनर पर एक तस्वीर बनी थी जिसमें ठाकरे घोड़े पर उलटी दिशा में मुंह किए बैठे हैं. घोड़े का मुंह हिंदुत्व की तरफ है -शिवसेना की राजनीतिक विचारधारा- जबकि जूनियर ठाकरे का मुंह एमवीएम की दिशा में है, पिछली सरकार बनाने के लिए उनके पिता के धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन के संदर्भ में.
शिंदे खेमे ने आदित्य ठाकरे को उनके हिंदुत्व से नाता तोड़ने के लिए दोषी ठहराया और उनकी दिशा गलत बताते हुए आलोचना की.
आदित्य ठाकरे पर बागियों का हमला उनके राजनीतिक नरैटिव में एक बड़ा बदलाव है. तख्तापलट के दौरान उनके प्रवक्ता और अब मंत्री दीपक केसरकर ने कहा था कि खेमा उद्धव ठाकरे और उनके परिवार की कभी आलोचना नहीं करेगा. उन्होंने बीजेपी से ऐसा न करने को भी कहा था.
इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि बागी लोग निराश हैं क्योंकि बीजेपी ने उन्हें पर्याप्त मंत्रालय नहीं दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरा उपहास करने से उन्हें तवज्जो मिलेगी’.
ठाकरे ने ये भी कहा कि उन्हें खुशी होती अगर बागियों ने किसानों के कल्याण जैसे वास्तविक मुद्दों के बारे में बात की होती. उन्होंने आगे कहा, ‘ये हम हैं जो किसानों के बारे में आवाज उठा रहे हैं. मेरी सहानुभूति उनके साथ है. इससे उनकी परवरिश का पता चलता है’.
युवा सेना नेता ने शिंदे कैंप पर एमवीए के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया. ‘वो गद्दार हैं और उनका असली चेहरा सबके सामने है. ये राम राज नहीं है, ये रावण राज है. वो अपने वरिष्ठों की तवज्जो हासिल करने के लिए मुझपर निशाना साध रहे हैं. मैं उनके चेहरों पर निराशा देख सकता हूं क्योंकि शिवसेना को (उनकी यात्राओं के दौरान) अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. वो समझ गए हैं कि लोग उनके साथ नहीं हैं. उन्हें प्रचार चाहिए और वो कैबिनेट पदों के लिए ऐसा कर रहे हैं’.
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