नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में 15 साल का वनवास खत्म करने के बाद कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गयी है. लेकिन विधानसभा चुनाव फिलहाल कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिए ‘एक अनार, सौ बीमार’ वाले हालात बने हुए हैं.
छत्तीसगढ़ में सभी राजनीतिक समीकरणों को ध्वस्त करते हुए कांग्रेस ने 68 विधायकों को विधानसभा में पहुंचा दिया है. भाजपा के हिस्से में अब 15 सीटें बची हैं. छत्तीसगढ़ में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल कर मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने नाम कर ली है. लेकिन कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसपर पेंच फंसा हुआ है.
मुख्यमंत्री की कुर्सी का सबसे प्रबल दावेदार अगर कोई है तो वो हैं भूपेश बघेल जो कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं. 23 अगस्त 1961 को जन्मे बघेल कुर्मी जाति से आते हैं.
बघेल को ओबीसी समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है. छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी ज्यादा है. वो अविभाजित मध्य प्रदेश में दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
भूपेश बघेल 1990 से 94 तक जिला युवक कांग्रेस कमेटी, दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे हैं. 1999 में मध्य प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं.
विवादों से भी है भूपेश बघेल का नाता
अक्टूबर, 2017 में एक कथित सेक्स टेप वायरल हुआ था. इस मामले में दिल्ली से एक पत्रकार की गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस नेताओं पर कथित सेक्स सीडी बांटने का आरोप लगाया था, सीडी कांड में पत्रकार के साथ ही भूपेश बघेल के खिलाफ रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. राज्य सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था. सीबीआई ने मामले में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं से पूछताछ की थी.
सेक्स सीडी मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. कथित सेक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल को अलग-अलग धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया था.
टीएस सिंह देव
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. सरगुजा रियासत के राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले टीएस सिंह देव की अंबिकापुर से विधायक हैं. वे छत्तीसगढ़ में टीएस बाबा के नाम से मशहूर हैं.
टीएस सिंह देव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक हैं. राज्य में महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल जैसे बड़े नेताओं के नक्सली हमले में निधन के बाद सिंहदेव राज्य कांग्रेस में बड़े नेता के तौर पर उभरे हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 39 सीटें मिली थीं जिसके बाद पार्टी ने सिंहदेव को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था.
ताम्रध्वज साहू
मोदी लहर में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर जितने वाले एकमात्र नेता ताम्रध्वज साहू थे. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ताम्रध्वज साहू को मुख्यमंत्री पद का एक प्रबल दावेदार माना जा रहा है. साहू दुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से आते हैं.. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान, उन्होंने बेमेतरा निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ा लेकिन वे भाजपा के अवधेश सिंह चंदेल से हार गए थे.