नई दिल्ली: इंटरपोल ने गुरुवार को भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया. इंटरपोल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह के बाद नोटिस जारी किया.
मेहुल चोकसी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपियों में एक है. इस धोखाधड़ी मामले में चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी आरोपी है.
चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयमैन है. चोकसी ने एंटीगुआ में शरण ली है. अधिकारियों के अनुसार, चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के साथ ही उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
चोकसी को इंटरपोल के 192 सदस्य देशों में से किसी के द्वारा भी गिरफ्तार किया जा सकता है. नीरव मोदी व मेहुल चोकसी के खिलाफ फरवरी में पीएनबी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी की गई थी.
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए धनशोधन के आरोपों के आधार पर इंटरपोल ने जुलाई में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेहुल चोकसी की एक फर्ज़ी कंपनी के निदेशक को कोलकाता से गिरफ्तार किया था.
इस साल जनवरी में मेहुल चोकसी देश से फरार हो गए थे. बाद में पता चला कि उन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है.
हाल ही में चोकसी ने आरोप लगाया था कि उसके खिलाफ जो आरोप लग रहे हैं, वे राजनीतिक षडयंत्र के तहत लगाए गए हैं. उसने भारत आने पर अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा था कि भारत में जेल की स्थितियां बहुत खराब हैं. इसलिए वह भारत नहीं आना चाहता.
रेड कॉर्नर नोटिस एक तरह का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट होता है, जो भगोड़े अपराधियों के लिए जारी किया जाता है. इसके तहत इंटरपोल अपने सदस्य देशों से ऐसे अपराधी को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने को कहता है.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)