नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया और दावा किया कि निर्णय लेने वालों की दृष्टि अब युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि निजी हितों को प्राथमिकता मिल रही है जबकि सार्वजनिक और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की जा रही है. शेरगिल ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना पत्र भेजा.
"It pains me to say that decision-making is no longer for interests of public & country,rather it's influenced by the self-serving interests of individuals indulging in sycophancy & consistently ignoring on-ground reality", wrote Shergill in his resignation letter to Sonia Gandhi pic.twitter.com/EHRODA5PoR
— ANI (@ANI) August 24, 2022
शेरगिल ने अपने पत्र में कहा, ‘प्राथमिक कारण यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्तमान निर्णय निर्माताओं की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है.’
‘इसके अलावा, मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हित के लिए नहीं होता है. बल्कि यह चापलूसी में लिप्त व्यक्तियों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहा है. यह कुछ ऐसा है मैं नैतिक रूप से इसे स्वीकार नहीं कर सकता या इसके साथ काम करना जारी नहीं रख सकता.’
शेरगिल पेशे से वकील हैं और कांग्रेस के युवा नेताओं में प्रमुख लोगों में से एक थे. वह पंजाब के रहने वाले हैं.
शेरगिल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस ने उनके कई होनहार युवा नेताओं को पार्टी छोड़ी है. पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख कांग्रेस नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं, जो अब केंद्रीय मंत्री हैं और जितिन प्रसाद हैं.
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