दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के चित्रित कार्टून में, आलोक निरंतर ने ‘दही-हांडी’ को आधिकारिक खेल घोषित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसा है. सीएम एकनाथ शिंदे ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि ‘गोविंदा’ को खेल श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाना चाहिए. यह लोग मानव पिरामिड बनाकर ‘दही-हांडी’ कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं.
संदीप अध्वर्यु, एक चीनी सर्वे जहाज का जिक्र करते हुए कह रहे हैं कि कैसे श्रीलंका सरकार गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए बीजिंग की ओर देख रही है.
सतीश आचार्य ने बढ़ती कीमतों और थिएटर जाने वालों में गिरावट के बीच हिंदी फिल्मों के ‘बहिष्कार’ के बार-बार आह्वान पर अपनी बात रखी.
एक पुरानी कहानी का प्रयोग करते हुए मंजुल ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ पर टिप्पणी की है.
नाला पोनप्पा इस साल जून की एक रिपोर्ट की ओर इशारा करते हैं, जिसमें कर्नाटक के उडुपी के एक गांव में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम का एक साइनबोर्ड लगा था. करकला तालुक के बोला ग्राम पंचायत में एक सड़क का नाम बदलने वाले साइनबोर्ड को बाद में अधिकारियों ने हटा दिया.
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