नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की चेतावनी के बावजूद चीन का रूस के साथ पिछले साल के मुकाबले व्यापार बढ़ा है. अमेरिका ने चीन को धमकी दी थी कि अगर वो रूस को प्रतिबंधों से बचाने में मदद करता है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे.
रूस की आर्थिक स्थिति और पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को देखते हुए चीन व्यवसाय करते हुए सतर्क है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कस्टम डेटा के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी और अप्रैल 2022 के बीच, रूस से बीजिंग के एलएनजी के आयात में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हालांकि, रूसी अंतर्राष्ट्रीय मामलों की परिषद के आंकड़ों के अनुसार रूस को चीनी निर्यात में प्रति थिंक टैंक 17 प्रतिशत की गिरावट आई है.
चीन ने प्रतिबंधों को अवैध बताया है उसका कहना है कि अमेरिका, यूरोप और जापान ने यूनाइटिड नेशन के साथ काम किए हुए बिना रूस की मार्किट से और ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम से उसे काट दिया है जिसमें बीजिंग और मॉस्को को वीटो पावर मिला हुआ है.
अगर चीन रूस के साथ व्यापार बढ़ाता है तो यह चीनी कंपनियों के लिए जोखिम को बढ़ा देगा क्योंकि वो दंड के नाम पर पश्चिमी बाजारों तक अपनी पहुंच खो सकते हैं.
मॉस्को में चीनी दूतावास ने घोषणा की कि रूस से चीन के लिए कमर्शियल उड़ानों की संख्या सप्ताह में दो बार से बढ़कर आठ की जाएगी.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी कंपनियों ने पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण परिवहन में व्यवधान के बीच कच्चे माल जैसे विभिन्न सामानों की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए चीन के लिए चार्टर्ड जहाज लॉन्च किए हैं.
एक थिंक टैंक के अनुसार रूसी कंपनियों इंटेको और स्विफ्ट ट्रांसपोर्ट ग्रुप ने संयुक्त रूप से रूस के सुदूर पूर्व में वोस्तोचन और चीन के बंदरगाह शहरों के बीच कंटेनर शिपिंग सेवाओं की पेशकश की है.
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