नई दिल्ली: बिहार में जद(यू)-भाजपा गठबंधन टूट गया है. नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग में ऐलान किया. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
बिहार के मुख्यमंत्री और जद(यू) नेता नीतीश कुमार आज शाम 4 बजे राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेंगे. उन्होंने उनसे मिलने का समय मांगा है.
#BiharPoliticalCrisis | In the Mahagathbandhan meeting today, RJD MLAs, MLCs and Rajya Sabha MP authorised party leader Tejashwi Yadav to take a decision and said that they are with him. Congress and Left parties MLAs have already said that they are with Tejashwi Yadav: Sources https://t.co/RsymYTi1O6
— ANI (@ANI) August 9, 2022
इससे पहले सीएम नीतीश के आवास पर जद(यू) ने बैठक की. बैठक में बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का फैसला किया गया.
जानकारी के मुताबिक आज जद(यू) की मीटिंग में विधायकों और सांसदों ने नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि वह उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि वे हमेशा उनके साथ रहेंगे, वह जो भी तय करेंगे. सूत्रों ने यह जानकारी सामने आई है.
वहीं एक दिन पहले से ही जद(यू)-भाजपा गठबंधन टूटने के कयास लगाए जा रहे थे. इस बाबत नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को भी फोन किया था.
पूरे घटनाक्रम को लेकर कल राजद ने भी विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसे काफी अहम माना जा रहा है.
लालू प्रसाद यादव भी सारे घटनाक्रम को करीबी से देख रहे हैं लेकिन फैसले तेजस्वी यादव कर रहे हैं. आरजेडी के सूत्रों ने जानकारी दी.
आज महागठबंधन की बैठक में आरजेडी एमएलए, एमएलसी और राज्यसभा के सांसदों ने पार्टी नेता तेजस्वी यादव फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है और कहा कि वह उनके साथ हैं. कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों ने भी कहा कि वह तेजस्वी के साथ हैं. सूत्र ने यह जानकारी दी.
बीजेपी और जदयू का गठबंधन 5 साल में दूसरी बार टूटा है. इससे पहले 2013 में दोनों अलग हुए थे. लेकिन 2017 में दोनों फिर साथ आ गए थे.
नीतीश लगातार बीजेपी से बनाए हुए थे दूरी
नीतीश कुमार बीजेपी से लगातार दूरी बनाए हुए थे. 17 जुलाई की अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर बुलाई गई बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे. उसके बाद 22 जुलाई को रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में भी वह शामिल नहीं हुए. 25 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी उन्हें बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आए थे. वहीं एक दिन पहले 7 अगस्त को नीति आयोग की बैठक में भी उन्हें बुलाया गया था लेकिन वह शामिल नहीं हुए.
बीजेपी से जब अलग हुए नीतीश
2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और जदयू अलग हो गए थे. नीतीश नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार कमेटी का प्रमुख बनाए जाने से नाराज थे, इसके बाद विरोध में जेडीयू ने बीजेपी से गठबंधन खत्म कर दिया. इसके बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था आरजेडी के समर्थन से जदयू की सरकार बन गई थी. जदयू ने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था.
2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा और गठबंधन ने 178 सीटें जीतीं. नीतीश कुमार फिर से सीएम बन गए.
बीजेपी के साथ फिर से आए
वहीं 26 जुलाई 2017 को नीतीश कुमार ने महागठबंधन से फिर नाता तोड़ लिया. लालू यादव ने इसको लेकर उन्हें पलटू राम कहा था. वह फिर से एनडीए में वापस में आएंगे और बीजेपी के साथ नीतीश फिर से सीएम बने.
वहीं नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी से अलग होने जा रहे हैं.