scorecardresearch
Wednesday, 18 December, 2024
होमराजनीतिआरसीपी सिंह पर जदयू-बीजेपी में बढ़ी अनबन, गठबंधन टूटने के लगाए जा रहे हैं कयास

आरसीपी सिंह पर जदयू-बीजेपी में बढ़ी अनबन, गठबंधन टूटने के लगाए जा रहे हैं कयास

जदयू का आरोप है कि बीजेपी आरसीपी सिंह के जरिए पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि जदयू कांग्रेस, लेफ्ट और आरजेडी के साथ सरकार बनाने की कोशिश में है.

Text Size:

नई दिल्ली: बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और बीजेपी गठबंधन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. गठबंधन में दरार के चलते इसके टूटने की संभावना जताई जा रही है. जदयू ने अपने सभी सांसदों और विधायकों की मंगलवार को बैठक बुलाई है. इसको लेकर इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि गठबंधन रहने या न रहने को लेकर विचार किया जा सकता है.

जदयू का आरोप है कि बीजेपी आरसीपी सिंह के जरिए पार्टी को तोड़ने की कोशिश में है. ऐसा कहा जा रहा है कि जदयू कांग्रेस, लेफ्ट और आरजेडी के साथ सरकार बनाने की कोशिश में है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बाबत नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को भी फोन किया है.

वहीं हाल ही में आरसीपी सिंह को भ्रष्टाचार को लेकर जदयू की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस पर बोलते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, ‘जदयू डूबता जहाज नहीं है. कुछ लोग इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, नीतीश कुमार ने उन लोगों की पहचान की जो इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे और इसे सुधारने के लिए कदम उठाए.’

रंजन ने कहा, ‘जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की क्या जरूरत है? 2019 में ही, आम सहमति पर पहुंचने के बाद, सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि हम केंद्र सरकार में शामिल नहीं होंगे और हम इस बात को लेकर काफी मजबूती से खड़े हैं. यह नीतीश कुमार के व्यक्तित्व को धूमिल करने की साजिश थी.

उन्होंने कहा कि, ‘सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एक साजिश थी और इसलिए हमने केवल 43 सीटें (विधानसभा में) जीतीं, लेकिन अब हम सतर्क हैं. चिराग पासवान के नाम पर 2020 के चुनावों में एक मॉडल सामने आया, जबकि दूसरा वर्तमान में बनाया जा रहा है.’

वहीं जदयू के अलावा आरजेडी ने भी कल बैठक बुलाई है. बीजेपी-जदयू के बीच दरार के बीच इस मीटिंग को अहम माना जा रहा है.

नीतीश लगातार बीजेपी से बनाए हुए हैं दूरी

नीतीश कुमार बीजेपी से लगातार दूरी बनाए हुए हैं. 17 जुलाई की अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर बुलाई गई बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. उसके बाद 22 जुलाई को रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में भी वह शामिल नहीं हुए. 25 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी उन्हें बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आए. वहीं एक दिन पहले 7 अगस्त को नीति आयोग की बैठक में भी उन्हें बुलाया गया था लेकिन वह शामिल नहीं हुए.

आरसीपी सिंह के मामले ने बढ़ाई टेंशन

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद से वे लगातार नीतीश की मर्जी के विरुद्ध बिहार भर में सभाएं कर रहे हैं. इस दौरान नीतिश को लग गया कि बीजेपी आरसीपी सिंह के जरिए उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रही है. इसीलिए भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश ने आरीसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेज दिया.

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने गुरुवार को आर.सी.पी. सिंह को लिखे एक पत्र में कहा, ‘आप भ्रष्टाचार पर हमारे नेता नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस नीति के बारे में जानते हैं और इतने लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में रहने के बावजूद उन पर कभी भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है.’


यह भी पढ़ें: आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस जनता के बीच पूर्व मंत्री की लोकप्रियता पर JD(U) की नाराजगी का सबूत है?


 

share & View comments