नई दिल्ली: अल-कायदा के नेता और 9/11 आतंकवादी ऑपरेशन के मास्टरमाइंड रहे अयमान अल-जवाहिरी को शनिवार के दिन काबुल में एक ड्रोन हमले में मार गिराया. ओसामा बिन-लादेन की मौत के बाद अमेरिका का यह दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशन था.
ओसामा बिन लादेन के बाद, 71 साल के जवाहिरी के हाथों में अल-कायदा की कमान आई थी. ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के 11 साल बाद, जवाहिरी इस संगठन के वैश्विक प्रतीक और एक आतंकवादी के रूप में उभरा है जिसके सिर पर 25 मिलियन अमरीकी डालर का इनाम था. जवाहिरी का जन्म 19 जून को 1951 को मिस्र के एक अच्छे परिवार में हुआ था, बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था. जवाहिरी ने ही ओसामा बिन लादेन के साथ मिलकर अमेरिका में हुए 11 सितंबर 2001 के हमले की साजिश रची थी.
जवाहिरी की परवरिश एक डॉक्टर बनने के लिए की गई थी. जवाहरी ने मिस्र के कैरो यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई की थी. उसे अरबी और फ्रेच भाषाएं बोलनी आती थीं. वह जवाहिरी के अल अजहर के भव्य इमाम राबिया अल का पोता था, जो मध्य पूर्व में सुन्नी इस्लामी अध्ययन के उपरिकेंद्र और इस्लाम में सबसे महत्वपूर्ण मस्जिदों में से एक में शुमार थे
दो शादी, सात बच्चे
सन 1978 में जवाहिरी ने अजा नोवारी से शादी कर ली. वह काहिरा विश्वविद्यालय में फिलॉसफी की स्टूडेंट थीं. साल 2001 में इनकी मृत्यु हो गई थी. इसके बाद जवाहिरी ने उमैमा हुसैन से दूसरी शादी की, जिसके साथ इसके सात बच्चे हुए.
1986 में लादेन से मिलने के बाद, जवाहिरी उसके निजी चिकित्सक और सलाहकार के रूप में उसके साथ जुड़ गया, तीन साल के भीतर ही वह आंखों के सर्जन से दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादियों में से एक बन गया. इसने 1993 में मिस्र में इस्लामिक जिहाद पर नियंत्रण कर लिया और 1990 के दशक के मध्य में सरकार को गिराने और एक सख्त इस्लामी राज्य स्थापित करने के आंदोलन में प्रमुखता से भाग लिया. 1,200 से अधिक मिस्रियों की हत्या के मामले में भी जवाहिरी के भाग लेने का पता चला था.
बाद में, जवाहिरी अमेरिकी सरकार की 2001 की ‘मोस्ट वांटेड आतंकवादियों’ की लिस्ट में दूसरे स्थान पर पहुंच गया. जवाहिरी ने आखिरकार 1998 में अल-कायदा और मिस्र के इस्लामिक जिहाद को मिला दिया.
आतंकी हमले
जवाहिरी ने कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया था. 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार कमर्शियल प्लेन हाइजैक कर दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर के टकरा दिए गए थे, जिसमें 93 देशों के 2,977 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले को आतंकी संगठन अलकायदा ने अंजाम दिया था.
7 अगस्त 1998 को एक साथ कई देशों की एंबेसी के बाहर बम धमाके हुए थे जिसमें 224 लोग मारे गए थे. इनमें 12 अमेरिकी शामिल थे. इस हमले में 4,500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इन हमलों में भी जवाहिरी ही शामिल थी.
जनवरी 2006 में अमेरिका ने पहले अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान की सीमा के पास एक मिसाइल हमले में जवाहिरी को मारने की कोशिश की थी. हमले में अल-कायदा के चार सदस्य मारे गए, लेकिन जवाहिरी बच गया और दो हफ्ते बाद वीडियो पर देखा गया, अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को चेतावनी दी कि न तो वह और न ही ‘पृथ्वी पर सभी शक्तियां’ उसकी मौत को ‘एक सेकंड के करीब’ ला सकती हैं.
अब जवाहिरी को मौत के घाट उतारने के बाद अमेरिकी ने इसकी घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय कर लिया गया है, ‘इसमें कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और आपको बाहर निकालेगा.’
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