आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने भारतीय कृषि को गलत तरीके से समझा. कृषि को आधुनिक तकनीक और सुधारों की आवश्यकता है जो उदारीकरण और बाजार की ताकतों को अनुमति दें, न कि अधिक लोगों को खेती और गारंटीकृत आय की. भारत को अधिक विनिर्माण और सेवा रोजगार सृजित करने की जरूरत है. प्राचीन प्रथाओं को रोमांटिक बनाना और आधुनिक समय में उनका प्रचार करना खतरनाक है.