नई दिल्ली: ईरान में महिलाएं हिजाब के विरोध में सड़कों पर आ गई हैं. प्रदर्शन कर रही महिलाएं सड़कों पर आकर हिजाब उतारकर सरकार के हिजाब के कड़े नियमों का विरोध कर रही हैं. ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि महिलाएं इस्लामिक रिपब्लिक के विरोध में वीडियो भी बना रही हैं.
ईरान के अधिकारियों ने 12 जुलाई मंगलवार को हिजाब एवं शुद्धता दिवस के रूप में घोषित किया गया था जिसका महिलाएं विरोध कर रही थीं.
सोशल मीडिया ऐसे कई वीडियो देखे जा रहे हैं जिसमें महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी हिजाब से जुड़े इस कानून का विरोध कर रहे हैं. अपने निराले विरोध में महिलाएं बिना हिजाब के पब्लिक ट्रांसपोर्ट और दुकानों पर देखी जा रही हैं. सिर खोलकर बिना हिजाब के महिलाएं सार्वजनिक स्थलों पर घूम रही हैं.
सेना को हिजाब से जुड़े नियमों का पालन कराने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. महिलाओं के विरोध प्रदरशन को देख ईरानी सरकार ने टी.वी पर एक वीडियो प्रसारित किया जिसमें हरे रंग का हिजाब और लंबे सफेद कपड़े पहने महिलाएं काफी खुश दिख रही थीं और कुरान की आयतें पढ़कर डांस कर रही थीं. लेकिन सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब मजाक बनाया गया.
See how these teenagers are mocking the morality police and clerical regime by #WalkingUnveiled
It is beautiful that men are cheering for Hijab-less women in the streets. This is Shiraz, Iran. New generation will get rid of gender apartheid very soon.#No2Hijab #حجاب_بی_حجاب pic.twitter.com/7flOzi1yyt— Masih Alinejad ?️ (@AlinejadMasih) July 12, 2022
सोशल मीडिया पर विरोध
महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाली एक्टिविस्ट मसीह अलीनेजाद ️से विरोध स्थल से कई वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए. एक वीडियो को साझा करते हुए उन्होंने लिखा, ‘देखिए किस तरह ये किशोर लड़कियां बिना हिजाब के सड़कों पर घूम रही हैं और पुरुष इनका मनोबल बढ़ा रहे हैं. ये शिराज ईरान है. नई पीढ़ी जल्द ही लिंग भेद से मुक्ति मिलेगी.’
12 जुलाई को एक और ट्वीट कर उन्होंने कहा, ‘हम अपने हिजाब हटा रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि हर कोई हमसे जुड़ेगा. महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर करना ईरानी संस्कृति का हिस्सा नहीं है. यह तालिबान, आईएसआईएस और इस्लामी स्टेट की संस्कृति है. अब बहुत हो गया है.’
As we promised!
We remove our hijabs and I hope everyone joins us.
Forcing women to wear hijab is not part of Iranian’s culture. It is the culture of Taliban, ISIS and Islamic Republic. Enough is enough.
#No2Hijab
pic.twitter.com/nXwiW3LqI5— Masih Alinejad ?️ (@AlinejadMasih) July 12, 2022
सोशल मीडिया पर ईरानी महिलाओं के समर्थन में ढेरों पोस्ट किए गए.
ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद 9 साल से अधिक उम्र की ईरानी महिलाओं और लड़कियों के लिए सार्वजनिक जगहों पर हिजाब पहनना अनिवार्य हो गया. हालांकि ईरान में महिलाओं बीते कई सालों से इस शासन के खिलाफ अपनी आवाज निकाली है. महिलाओं ने लगातार अपने मन के कपड़े पहनने को लेकर जोर दिया है.
सरकार का कड़ा रवैया
ईरानी फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी ने विरोध प्रदर्शनों को खारिज कर दिया, इसे ‘प्रति-क्रांति’ द्वारा “ईरान में छोटापन और बुरे हिजाब को बढ़ावा देने’ का प्रयास बताया. इसने दावा किया कि हैशटैग फ़ारसी ट्विटर पर ट्रेंड करने में विफल रहा और विरोध के बारे में बोलने वाले मुख्य अकाउंट गुमनाम थे और अमेरिका और शाह का समर्थन करते थे- पूर्व शासक जिसे 1979 की क्रांति में उखाड़ फेंका गया था.
2017 से 2019 तक, हिजाब के खिलाफ ईरानी महिलाओं द्वारा कई विरोध प्रदर्शन किए गए. दिसंबर 2017 में, तेहरान में एक यूटिलिटी बॉक्स के ऊपर खड़े होकर ईरानी नागरिक विदा मूवाहेद का दुपट्टा लहराते हुए एक फोटो और वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और 2018 में जमानत पर रिहा कर दिया गया.
2019 में विरोध प्रदर्शनों के दौरान, तेहरान में क्रांतिकारी अदालत के अध्यक्ष, मौसा ग़ज़नफ़राबादी ने चेतावनी दी कि कोई भी महिला जो अपना हिजाब हटाने का वीडियो पोस्ट करती है, उसे दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा.
फ़ार्स समाचार एजेंसी ने कहा कि 11 जुलाई को कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
देश के बहुत ही रूढ़िवादी धार्मिक अभिजात वर्ग द्वारा समर्थित राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने हाल ही में हिजाब कानून के लिए ज्यादातर युवा लोगों की प्रतिक्रिया को ‘इस्लामिक समाज में नैतिक भ्रष्टाचार का एक संगठित प्रचार’ बताया.
पिछले साल रायसी की जीत के बाद से, हिजाब को लेकर अधिक प्रतिबंधात्मक रवैया अपनाया गया. जिसके बाद से अधिकारियों ने सरकारी कार्यालयों, बैंकों और सार्वजनिक परिवहन में ‘सही ढंग’ से हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को मना करने के निर्देश दिए हैं.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश की ‘फैशन पुलिस’ यूनिट्स, जिन्हें आधिकारिक तौर पर गाइडेंस पेट्रोल कहा जाता है, इन्हें पूरे ईरान में ‘हिजाब कानून’ लागू करवाने के लिए आगे लाया गया. यह महिलाओं को उनके कपड़ों के बारे में चेतावनी देने वाले लोगों द्वारा बनाया गया है.
जून में सरकार ने ऐसे दो संगठनों की शुरुआत की थी, सोशल मीडिया पर इन संगठनों के अधिकारियों से महिलाओं को लड़ते हुए देखा गया था.
शासन की प्रतिबंधात्मक नीतियों के खिलाफ अभियान ज्यादातर राजनीतिक कार्यकर्ताओं और ईरान के बाहर असंतुष्टों द्वारा आयोजित किए जाते हैं, लेकिन ईरान के अंदर की युवा महिलाओं ने सरकार के बढ़ते दबाव की अवहेलना में हिजाब के बिना सेल्फी पोस्ट करना शुरू कर दिया है.
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