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Friday, 22 November, 2024
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श्रीलंका में आपातकाल घोषित, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और पीएम आवास को घेरा

कोलंबो में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के आवास में घुसने के लिए दीवार फांद रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सैन्यकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े.

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नई दिल्ली: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया के आज तड़के देश छोड़कर मालदीव में शरण लेने के बाद देश के हालात और बिगड़ गये हैं. देश में बढ़ते विरोध के बीच प्रदर्शनकारी बुधवार को कोलंबो में श्रीलंकाई पीएम के कार्यालय भवन के परिसर में घुस गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने पीएम ऑफिस को अपने कब्जे में ले लिया और इमारत के ऊपर झंडा फहरा दिया है.

वहीं कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने हालात को काबू करने के लिए सेना और पुलिस को आदेश दिया है.

श्रीलंका के संसद के स्पीकर ने वहां की मीडिया न्यूज वायर के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें सूचना दी है कि वह अपना इस्तीफा आज भेजेंगे. 20 जुलाई को नये राष्ट्रपति का चुनाव होगा.

श्रीलंका में अमेरिकी दूतावास ने ताजा विरोध के बीच आज और कल के लिए अपनी सभी कांसुलर सेवाओं को रद्द कर दिया है.

पूरे दिन अफर-तफरी का माहौल

वहीं पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी समाचार चैनल पर भी कब्जा कर लिया और वहां से देश के नाम संदेश देने लगे.

वहीं दूसरी तरफ गोटाबाया के देश छोड़ कर जाने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है. राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच बुधवार को देश छोड़कर सेना के विमान से मालदीव चले गए.

संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने ने घोषणा की कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने विदेश प्रवास के दौरान कामकाज संभालने के लिए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति की है.

उन्होंने बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 37(1) के तहत किया गया है.

इस बीच, बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने इमारत को घेर लिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले वक्तव्य में सुधार करते हुए कहा था कि विक्रमसिंघे की कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्ति के बाद ही देश में आपातकाल की घोषणा गई.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मीडिया संगठनों को सूचना दी कि देश में आपातकाल लागू किया गया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है.

प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को उपद्रव कर रहे लोगों को गिरफ्तार करने तथा उनके वाहन जब्त करने का भी आदेश दिया है.

इससे पहले पुलिस ने कोलंबो में फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के समीप एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे.

इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव चले जाने की खबरें आने के बाद फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर कूच करते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की.

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे लेकिन इसके बावजूद वे अवरोधकों को हटाकर प्रधानमंत्री के कार्यालय में घुस गए.

प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पहले ही कहा है कि वह इस्तीफा देने और सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार हैं.

‘कोलंबो गजट’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारी संसद अध्यक्ष के आवास के आसपास भी एकत्रित हो गए. स्थिति को काबू में करने के लिए सेना को तैनात किया गया है.

कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने अगले दो दिनों के लिए एहतियात के तौर पर अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं.

श्रीलंका में विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार हरीम पीरिस ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी यहां आ रहे थे तब उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए. प्रदर्शनकारी अब प्रधानमंत्री के आवास के प्रवेश द्वार की ओर जा रहे हैं, स्पेशल फोर्स, आर्म्ड फोर्स को भी सड़कों पर उतार दिया है.

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि निहत्थे प्रदर्शनकारियों के ऊपर हथियार नहीं उठाएंगे क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो वह क़ानून का घोर उल्लंघन होगा.

कोलंबो में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में सैन्यकर्मियों की तैनाती की गई है. मौके पर पहुंचे प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.

कोलंबो में विरोध-प्रदर्शन के चलते श्रीलंका के प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

वहीं श्रीलंका में समागी जाना बालवेगया पार्टी के सांसद पाटली चंपिका रणावाका ने कहा कि वे (गोटबाया राजपक्षे) अपना इस्तीफा दिए बिना ही देश से चले गए. स्पीकर और पूरे देश को भरोसा था कि वे अपना इस्तीफा ठीक तरह से देंगे और संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री अन्तरिम राष्ट्रपति होते.

उन्होंने कहा कि और हम अगले हफ्ते तक राष्ट्रपति के बचे कार्यकाल के लिए नए राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को सांसद में गुप्त मतपत्र के द्वारा कर लेते.


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