scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमडिफेंससेना अगले महीने लद्दाख में AI सक्षम मानव रहित वाहनों का सभी इलाकों के लिए करेगी ट्रायल

सेना अगले महीने लद्दाख में AI सक्षम मानव रहित वाहनों का सभी इलाकों के लिए करेगी ट्रायल

सेना के अंतिम तौर पर उत्पाद का चयन और बड़े पैमाने पर अधिग्रहण के लिए जाने से पहले रेगिस्तान में भी ट्रायल्स किए जाएंगे.

Text Size:

नई दिल्ली: भारतीय सेना जल्द ही निगरानी और रसद संचालन के लिए लद्दाख में स्वदेशी रूप से विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-सक्षम, मानव रहित सभी इलाकों के लिए वाहनों का ट्रायल करेगी, दिप्रिंट को जानकारी मिली है.

सेना द्वारा आखिरी तौर पर उत्पाद का चयन करने और बड़े पैमाने पर अधिग्रहण के बाद राजस्थान में रेगिस्तान में भी ट्रायल्स किए जाएंगे.

विचार किए जा रहे वाहनों में से एक को कल्याणी समूह ने विकसित किया गया है जो बैटरी और मोटर (ईंधन) दोनों पर चलता है. यह वाहन उन 75 उत्पादों में से एक था, जिसे सोमवार को दिल्ली में रक्षा मंत्रालय की पहली एआई संगोष्ठी में प्रदर्शित किया गया था.

वाहन बैटरी पर लगभग 6 घंटे और मोटर पर 14 घंटे तक काम कर सकता है. इसकी परिचालन सीमा तीन किलोमीटर है और यह 500 किलोग्राम तक का भार उठा सकती है. इसके अतिरिक्त, दो किलोमीटर की रेंज वाले दिन और रात के कैमरे वाहन पर लगे हैं. इसका मतलब है कि एक कमांड सेंटर से पांच किलोमीटर की दूरी तक देखा जा सकता है.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि वाहन पहले ही पैदल सेना और बख्तरबंद इकाइयों के साथ दो ट्रायल्स से गुजर चुका है. पैदल सेना ने हथियार और गोला-बारूद जैसे रसद ले जाने के लिए वाहन का इस्तेमाल किया है, जबकि बख्तरबंद इकाइयों ने इसे दुश्मन की स्थिति को ट्रैक करने के लिए एक टोही वाहन के रूप में इस्तेमाल किया है.

पहिएदार वैरिएंट, 4×4 और 6×6 दोनों, पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं, जबकि एक यूरोपीय कंपनी के साथ ट्रैक वर्जन बनाया जा रहा है.

वाहन में मानचित्रण, पथ योजना और बाधा को पता लगाने के लिए कई सेंसर हैं, और यह -20 डिग्री से +50 डिग्री तक के तापमान में काम कर सकता है. यह इस साल फरवरी में आयोजित भारत-जापान सैन्य अभ्यास का भी हिस्सा था.

मानव रहित वाहन को विस्फोटक का पता लगाने और तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) को निष्क्रिय करने के लिए भी तैनात किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि यह वाहन अगले महीने लद्दाख में ऊंचाई वाले परीक्षणों के लिए जाएगा और बाद में रेगिस्तानी परीक्षणों में हिस्सा लेगा.

और ज्यादा वाहनों पर विचार किया जा रहा है

सूत्रों ने यह भी कहा कि ऐसे और भी वाहनों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें टोरस रोबोटिक्स द्वारा निर्मित एक वाहन भी शामिल है. इसकी पेलोड क्षमता 750 किलोग्राम है और इसे राज्य द्वारा संचालित बीईएमएल लिमिटेड के साथ विकसित किया गया है.

सूत्रों ने बताया कि सेना एआई और मानवरहित प्रणालियों को व्यापक तौर से शामिल करने पर विचार कर रही है. त्रिशूल, एक एआई-सक्षम और दूर से संचालित हथियार स्टेशन जो मानव की गतिविधि को, प्रत्यक्ष हथियारों और स्वचालित रूप से आग का पता लगा सकता है, पर भी विचार किया जा रहा है. यह पहले दौर के हिट की 100 प्रतिशत संभावना के साथ 300 मीटर पर लक्ष्य हासिल करने में सक्षम है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ड्रैगन को वश में करने के लिए सॉफ्ट स्किल- भारत की प्रादेशिक सेना के लिए होंगे चीनी दुभाषिए


 

share & View comments