पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी है. सरकार देश के सभी संस्थानों को तबाह करने पर तुली है.’
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार के बीच सार्वजनिक तनातनी के बीच वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता ‘एक महत्वपूर्ण और शासन चलाने के लिए स्वीकार्य जरूरत’ है.
दूसरी तरफ पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को उन खबरों पर पर चिंता जताई है, जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर केंद्रीय बैंक को निर्देश जारी किए हैं. चिदंबरम ने कहा कि यह दिखाता है कि सरकार हताश है और अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, सरकार और आरबीआई दोनों को सार्वजनिक हित और भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से काम करना है.
बयान के अनुसार, ‘इस उद्देश्य के लिए कई मुद्दों पर समय-समय पर सरकार और आरबीआई के बीच व्यापक विचार विमर्श हुए हैं.’
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार ने कभी भी उन विचार विमर्श के मुद्दों को सार्वजनिक नहीं किया. केवल अंतिम निर्णय के बारे में लोगों को बताया जाता है. सरकार इन विचार विमर्शो के जरिए मुद्दों पर अपना मूल्यांकन करती है और संभावित उपाय के बारे में सलाह देती है. सरकार लगातार ऐसा करना जारी रखेगी.’
मुझे डर है कि और बुरी खबरें आएंगी: चिदंबरम
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को उन खबरों पर पर चिंता जताई है, जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर केंद्रीय बैंक को निर्देश जारी किए हैं. चिदंबरम ने कहा कि यह दिखाता है कि सरकार हताश है और अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है.
चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘अगर सरकार ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर आरबीआई को अप्रत्याशित निर्देश दिए हैं तो मुझे डर है कि आज और बुरी खबरें आएंगी.’
If, as reported, Government has invoked Section 7 of the RBI Act and issued unprecedented ‘directions’ to the RBI, I am afraid there will be more bad news today
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 31, 2018
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1991 या 1997 या 2008 या 2013 में धारा 7 का इस्तेमाल नहीं किया था.
चिदंबरम ने कहा, ‘अब इस प्रावधान के इस्तेमाल करने की जरूरत क्या है? यह दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में तथ्यों को छिपा रही है और यह हताशाभरा है.’
आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 7 सरकार को जनहित के मुद्दों पर बैंक के गर्वनर के साथ परामर्श के बाद आरबीआई को निर्देश जारी करने की अनुमति देती है.
गवर्नर को इस्तीफा देना चाहिए: सिन्हा
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार पर देश के सभी संस्थानों को बर्बाद करने का आरोप लगाया.
भाजपा के पूर्व नेता ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी है. सरकार देश के सभी संस्थानों को तबाह करने पर तुली हुई है. अब सही समय है कि लोग इन संस्थानों पर हो रहे सर्जिकल स्ट्राइक के खिलाफ खड़े हों.’
After CBI it is the turn of RBI. The govt is hell bent on destroying all the institutions of our country. High time the people woke up to these surgical strikes against our own institutions.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) October 31, 2018
यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘अगर वास्तव में सरकार ने आरबीआई को निर्देश जारी किए हैं तो इसके गर्वनर को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)