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Sunday, 3 November, 2024
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भारतीय नौसेना लड़ाकू विमानों के लिए अमेरिका या फ्रांस के साथ सरकार-से-सरकार सौदा करेगी

नौसेना तेजी से फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन के राफेल एम और अमेरिकी कंपनी बोइंग के एफ/ए 18 सुपर हॉर्नेट के ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन की एक ट्रायल रिपोर्ट तैयार करने में लगी है.

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नई दिल्ली: भारतीय नौसेना दो दर्जन से अधिक लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए अमेरिका या फ्रांस सरकार के साथ सरकार-से-सरकार सौदा करेगी, नौसेना के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि नौसेना तेजी से फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन के राफेल एम और अमेरिकी कंपनी बोइंग के एफ/ए 18 सुपर हॉर्नेट के ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन की एक ट्रायल रिपोर्ट तैयार करने में लगी है.

सूत्रों ने यह भी कहा कि रिपोर्ट 2 महीने के भीतर पूरी हो जानी चाहिए और विवाद में दोनों कंपनियों से और स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है.

इसके बाद नौसेना को 2022 के अंत तक खरीद प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय के पास ले जाने की उम्मीद है.

नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एस.एन. घोरमडे ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘ट्रायल किए जा चुके हैं क्योंकि नौसेना को ऐसे विमानों की जरूरत है जो विमान वाहक से उड़ान भर सकें. ऑपरेशनल डेमोस्ट्रेशन पर रिपोर्ट (ट्रायल रिपोर्ट) आनी बाकी है. वे तेजी से रिपोर्ट तैयार करेंगे और हम इसे प्रॉसेस में लाएंगे’

वह राफेल एम और सुपर हॉर्नेट द्वारा किए गए एक परिचालन प्रदर्शन का जिक्र कर रहे थे. इन विमानों ने गोवा में आईएनएस हंसा के नेवल बेस पर अपनी स्की-जंप का प्रदर्शन किया था और भारतीय विमान वाहक से संचालित करने की अपनी क्षमताओं को दिखाया था.

घोरमडे ने सरकार-से-सरकार के साथ सौदे के बारे में भी बात की और कहा कि नौसेना देख रही है कि भारतीय रक्षा उद्योग का इकोसिस्टम कैसे इससे लाभान्वित हो सकता है.

विमानों की संख्या अनिश्चित

जबकि नौसेना शुरू में 57 विमान खरीदने पर विचार कर रही थी, मौजूदा समय में यह संख्या 26 है.

यह पूछे जाने पर कि नौसेना कितने विमान खरीदने पर विचार कर रही है, घोरमाडे ने कहा कि अंतिम संख्या सही समय पर तय की जाएगी.

उप प्रमुख ने यह भी कहा कि नौसेना ट्विन इंजन डेक आधारित फाइटर (TEDBF) के लिए उत्सुक है, जिस पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) काम कर रहा है.

नौसेना वर्तमान में आईएनएस विक्रमादित्य से रूसी मिग 29के विमान संचालित करती है. दूसरा विमानवाहक पोत इस साल 15 अगस्त तक चालू कर दिया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि टीईडीबीएफ की डिलीवरी की प्रतीक्षा करते हुए नौसेना इसे परिचालन रूप से सक्रिय रखने के लिए केवल न्यूनतम संख्या में विदेशी विमानों की ओर देख रही है. उन्होंने यह भी कहा कि मिग 29के के साथ काफी सारे ऑपरेशनल इश्यू हैं और चूंकि उनमें से कुछ को अगले एक दशक में सेवा से मुक्त यानी बंद कर दिया जाएगा, इसलिए नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है.

दोनों विमानों का प्रदर्शन ‘संतोषजनक’

हालांकि, सूत्रों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि राफेल और सुपर हॉर्नेट ने कैसा प्रदर्शन किया है. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि दोनों विमानों का प्रदर्शन ‘संतोषजनक’ रहा है. अंतिम रिपोर्ट में दोनों विमानों के बारे में अधिक जानकारी मिलने की संभावना है.

उन्होंने यह भी कहा कि कंपनियों से कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत होगी और उसके बाद ही नौसेना अपने इच्छित लड़ाकू विमान का चयन करेगी.

सूत्रों ने आगे कहा कि एक बार प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजे जाने के बाद, वे तेजी से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे क्योंकि यह एक प्राथमिकता वाली परियोजना है.

जैसा कि दिप्रिंट ने पहले बताया था, नौसेना भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के बजाय अपने दम पर लड़ाकू विमानों की खरीद पर विचार कर रही है. 2020 में तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा था कि फोर्स संभावित संयुक्त खरीद के लिए भारतीय वायुसेना के साथ काम करने की कोशिश कर रहा है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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