नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को गायक-राजनेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या के दो संदिग्धों अंकित सिरसा और सचिन भिवानी को गिरफ्तार कर लिया.
सिरसा कथित तौर पर उन छह शूटर्स में से एक है जिन पर मई में मूसेवाला पर हमला करने का आरोप है, जबकि भिवानी पर चार निशानेबाजों को आश्रय देने का आरोप है.
दोनों कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह का हिस्सा हैं, जिसे मूसेवाला की हत्या के लिए जिम्मेदार माना गया है.
स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एच.एस. धालीवाल ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया, ‘दोनों को दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डा से गिरफ्तार किया गया.’
19 वर्षीय सिरसा इस मामले में गिरफ्तार किया गया तीसरा कथित शूटर है. पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि वह हरियाणा के भिवानी का रहने वाला है. और वह राजस्थान में दो अन्य हत्या के प्रयास के मामलों में भी शामिल था.
धालीवाल ने कहा, ‘हरियाणा के सोनीपत निवासी भिवानी राजस्थान के चुरू में भी एक जघन्य मामले में वांछित है. राजस्थान में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सभी कार्यों को अंजाम देने वाला भिवानी प्रमुख था.’
पुलिस ने दोनों के पास से 9 एमएम बोर की एक पिस्टल, 10 जिंदा कारतूस, 30 एमएम बोर की एक पिस्टल, नौ कारतूस, पंजाब पुलिस की तीन वर्दी और दो मोबाइल हैंडसेट, एक डोंगल और सिम कार्ड बरामद किए हैं.
धालीवाल ने कहा कि आरोपियों ने हमले के दौरान गिरफ्तारी और पहचान छिपाने के लिए पंजाब पुलिस के अधिकारियों का रूप धरने के लिए वर्दी की व्यवस्था की थी.
पुलिस सूत्रों ने यह भी कहा कि आरोपी सोशल मीडिया ऐप के जरिए एक-दूसरे को कॉल करने के लिए डोंगल नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे.
उनतीस वर्षीय मूसेवाला की 28 मई को पंजाब के मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय वह एक रिश्तेदार से मिलने जा रहा था. कांग्रेस नेता पर हमला पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा कवर आंशिक रूप से वापस लेने के एक दिन बाद हुआ था.
जब मूसे वाला को गोली मारी गई, उस समय उसके बॉडीगार्ड साथ नहीं थे और न ही वह अपनी बुलेटप्रूफ कार में था.
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एक नया सदस्य और दूसरा पांच साल पहले गिरोह में शामिल हुआ था
सिरसा की पहचान हत्या में शामिल कथित निशानेबाजों में सबसे कम उम्र के हत्यारे के रूप में हुई है. धालीवाल ने कहा, ‘सिरसा ने अपने दोनों हाथों से सिद्धू मूसेवाला पर काफी नजदीक से गोली चलाई थी.’
पुलिस ने उसकी एक तस्वीर बरामद की है, जिसने उसने जमीन पर गोलियों से मूसेवाला का नाम लिखा हुआ है और हाथ में बंदूक पकड़ी है.
डीसीपी, स्पेशल सेल प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, सिरसा ने नौवीं क्लास तक पढ़ाई की है और कथित तौर पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के निर्देश पर अप्रैल में दो गोलीबारियों में शामिल था. कुशवाहा ने कहा कि वह चार महीने पहले गिरोह में शामिल हुआ था और मूसेवाला की हत्या, उसके द्वारा की गई पहली हत्या है, जिसका उस पर आरोप लगाया गया है.
भिवानी के बारे में बात करते हुए कुशवाहा ने कहा, ‘वह संपत नेहरा का सहयोगी था और पांच साल पहले बिश्नोई के गिरोह में शामिल हो गया.’
धालीवाल ने कहा कि मूसे वाला की हत्या के बाद से आरोपी 35 ठिकाने बदल चुके थे. वे हर दो-तीन दिन में अपना ठिकाना बदलते रहे थे.
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पिछली गिरफ्तारियां
पिछले महीने पुलिस ने प्रियव्रत उर्फ फौजी को गिरफ्तार किया था, जो मूसेवाला की हत्या में कथित तौर पर ‘मुख्य शूटर’ है. एक अन्य शूटर कशिश उर्फ कुलदीप और उसके साथी केशव कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. केशव पर कथित तौर पर हत्या के बाद आरोपियों को एक कार में बैठाकर ले जाने का आरोप है.
प्रियव्रत कथित तौर पर कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार के संपर्क में था.
इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में धालीवाल ने कहा था कि हत्या में शामिल अपराधियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए दो अलग-अलग कारों का इस्तेमाल किया था.
धालीवाल ने कहा था, ‘एक कार महिंद्रा बोलेरो थी जिसे कशिश चला रहा था. उसमें अंकित सिरसा, दीपक मुंडे और प्रियव्रत बैठे हुए थे. जबकि दूसरी कार टोयोटा में कोरोला, जगदीप रूपा और मनप्रीत मन्नू थे.’
पुलिस के अनुसार, मनप्रीत मन्नू ने कथित तौर पर मूसेवाला की कार पर पहली बार गोलियां चलाईं, उसे गोली मारी और गाड़ी को रोक दिया. तभी दूसरे छोर से बोलेरो में सवार बदमाशों ने आकर उन्हें फिर से गोली मार दी. पुलिस का दावा है कि गायक के मरने की पुष्टि करने के बाद शूटर अपनी-अपनी कारों में सवार हो कर वापस चले गए.
मन्नू, रूपा और मुंडे अभी भी फरार हैं. धालीवाल ने सोमवार को कहा कि गुजरात, हरियाणा, एमपी, झारखंड, यूपी और दिल्ली की टीमें उन्हें ट्रैक कर रही हैं.
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