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Friday, 22 November, 2024
होमदेशअर्थजगतजून में GST कलेक्शन 1.44 लाख करोड़, चिदंबरम ने इस टैक्स प्रणाली को बताया- खराब, अस्थिर

जून में GST कलेक्शन 1.44 लाख करोड़, चिदंबरम ने इस टैक्स प्रणाली को बताया- खराब, अस्थिर

आज जीएसटी लागू होने के 5 साल पूरा हुए हैं. इसे 1 जुलाई 2017 में को लागू किया गया था. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम में इस टैक्स प्रणाली में खामियां बताई हैं.

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नई दिल्ली: गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) का जून 2022 में कलेक्शन 1.44 लाख करोड़ हुआ है, पिछले साल से इसी महीने यह 56 प्रतिशत ज्यादा है. इससे पहले मई में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर लगभग 141 करोड़ हुआ था. गौरतलब है कि जीएसटी राजस्व संग्रह अप्रैल महीने में पहली बार 1.5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘1.40 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा नीचे जाता दिख रहा है. हम इससे नीचे नहीं जा रहे हैं, हम इससे ज्यादा ही जमा कर रहे हैं.’

आज जीएसटी के पांच साल पूरे हो रहे हैं. सरकार जीएसटी कराधान प्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता, जवाबदेही और सरल पंजीकरण प्रक्रिया के अलावा पूरे देश में एक समान कर लाने का इरादा रखती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष अवसर पर ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘हम #5YearsofGST को चिह्नित करते हैं, एक प्रमुख कर सुधार जिसने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को आगे बढ़ाया और ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के दृष्टिकोण को पूरा किया.’

देश में माल और सेवा कर 1 जुलाई, 2017 लागू किया गया था. और राज्यों को जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार इसके कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए पांच साल अवधि के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था.

राज्यों को मुआवजा प्रदान करने के लिए, कुछ वस्तुओं पर उपकर लगाया जा रहा है और एकत्रित उपकर की राशि को मुआवजा कोष में जमा किया जा रहा है. राज्यों को मुआवजे का भुगतान 1 जुलाई, 2017 से मुआवजा कोष से किया जा रहा है.

चंडीगढ़ में हाल ही में संपन्न जीएसटी परिषद की बैठक में, कई राज्यों ने मुआवजे को कम से कम कुछ वर्षों के लिए बढ़ाने की मांग की है, यदि 5 साल नहीं तो कुछ साल लिए. इस पर अभी कोई फैसला होना बाकी है.

चिदंबरम ने जीएसटी में गिनाई खामियां

जीएसटी के 5 साल पूरा होने पर पी चिदंबरम ने कहा- कांग्रेस यह स्पष्ट करना चाहती है कि आज जो जीएसटी लागू है, वह यूपीए सरकार द्वारा परिकल्पित जीएसटी नहीं था. यह एक त्रुटिपूर्ण, दोषपूर्ण और अस्थिर जीएसटी है. कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को 100 कार्यकारी निर्देश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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