नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कह दिया है कि कल सदन की प्रक्रिया पर हम रोक नहीं लगा रहे हैं. कल 11 बजे फ्लोर टेस्ट होगा. फिलहाल कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगाया है और अब उद्धव सरकार का बचना काफी मुश्किल लग रहा है.
वहीं देवेंद्र फडणवीस बीजेपी ऑफिस रवाना हो गए हैं, जबकि उद्धव ठाकरे थोड़ी देर में फेसबुक लाइव करने वाले हैं.
वहीं सूत्रों के मुताबिक फ्लोर टेस्ट की नौबत आती है तो उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे सकते हैं. दूसरी तरफ सुरक्षा को लेकर पूरे शहर में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
गौरतलब है कि शिवसेना के सचेतक सुनील प्रभु ने कोर्ट में याचिका दायर कर महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी थी. गवर्नर ने उद्धव सरकार को सदन में बहुमत साबित करने को कहा था, जिसके के खिलाफ प्रभु ने याचिका दायर की थी.
वहीं इससे पहले महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. बुधवार को तीनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. रात लगभग 9 बजे के बाद अपना फैसला सुनाया.
Supreme Court to pronounce its order at 9 pm
— ANI (@ANI) June 29, 2022
खबरों के मुताबिक इससे पहले दलील में अभिषेक मनु सिंघवी ने उद्धव सरकार की तरफ से दलील दी, जिसमें उन्होंने राज्यपाल पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.
वहीं दलीलों के बाद बागी विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गोवा रवाना हो गए, जो कल सदन में बहुमत साबित करने के दौरान वापस मुंबई आएंगे और सदन में फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेंगे.
उद्धव ठाकरे सरकार की तरफ से पेश सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा अगर डिप्टी स्पीकर राजनीति कर सकते हैं तो गवर्नर क्यों नहीं. उन्होंने कहा राज्यपाल कोई पवित्र गाय नहीं है. राज्यपाल ने नेता विपक्ष से जहां बात की, वहीं सीएम से बात तक नहीं की.
सिंघवी ने अदालत में बहस के दौरान आगे कहा कि राज्यपाल को वैधता के आधार पर फैसला लेना चाहिए, जबकि वह नेता विपक्ष की राय पर फैसला लिए, पहले अयोग्य सदस्यों पर फैसला होना चाहिए.
राज्यपाल की तरफ से तुषार मेहता हुए पेश
वहीं राज्यपाल की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील दी. उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने खुद सदस्यता समाप्त करने के लिए दो दिन का वक्त दिया था. लोकतंत्र में बहुमत का फैसला फ्लोर टेस्ट से ही किया जा सकता है. मेहता ने कहा कि कई फैसलों में कोर्ट से 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. वहीं, अब डिप्टी स्पीकर 24 घंटे में फैसला पर सवाल उठा रहे हैं.
दूसरी तरफ, बहुमत परीक्षण से पहले मुंबई में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है. डीसीपी रैंक के 20 अधिकारियों को सुरक्षा पर लगाया गया है.