नई दिल्ली: शापूरजी पालोनजी ग्रुप के अध्यक्ष पालोनजी मिस्त्री का 93 वर्ष की आयु में मंगलवार को मुंबई में निधन हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पालोनजी मिस्त्री ने कॉमर्स और इंडस्ट्री की दुनिया में काफी बड़ा काम किया है.
Saddened by the passing away of Shri Pallonji Mistry. He made monumental contributions to the world of commerce and industry. My condolences to his family, friends and countless well-wishers. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 28, 2022
साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है. ट्वीट कर ईरानी ने कहा, ‘जीवन की सबसे बड़ी खुशियों में से एक उनकी प्रतिभा को देखना था. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं है.’
Pallonji Mistry , the end of an era. One of life’s greatest joys was to have witnessed his genius , his gentleness at work. My condolences to the family and his loved ones.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) June 28, 2022
पालोनजी ग्रुप भारत का सबसे बड़ा कारोबारी समूह है. टाटा ग्रुप में पालोनजी समूह की करीब 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शापूरजी पालोनजी ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार ये कंपनी वैश्विक और विविधता से भरे 18 प्रमुख कंपनियों का संगठन है. ये समूह 6 बिजनेस सेगमेंट्स के लिए उपाय सुझाता है जिसमें इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रीयल एस्टेट, पानी, ऊर्जा और फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल है.
इस समूह के अंतर्गत दुनिया भर के 50 से ज्यादा देशों में 50 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हैं. इस ग्रुप की शुरुआत 157 साल पहले 1865 में हुई थी. मुंबई के ताज होटल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की इमारत, भारतीय रिजर्व बैंक की इमारत सहित कई महत्वपूर्ण इमारतों को बनाने का श्रेय इसी ग्रुप को जाता है.
पालोनजी शापूरजी मिस्त्री का जन्म 1929 में गुजरात के एक पारसी परिवार में हुआ था. 2003 में आइरिश महिला से शादी करने के बाद उन्होंने भारतीय नागरिकता छोड़कर आइरिश नागरिकता ले ली लेकिन वे मुंबई में ही रहते रहे.
मिस्त्री के चार बच्चे हैं जिनमें शापूर मिस्त्री, साइरस मिस्त्री, लैला और अल्लू हैं.
बता दें कि 2016 में पालोनजी को देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. फोर्ब्स की सूची के मुताबिक मिस्त्री दुनिया में अमीरों की सूची में 143वें स्थान पर थे.
2008 में मिस्त्री के जीवन पर एक संक्षिप्त आत्मकथा मनोज नंबारू ने लिखी थी जिसका शीर्षक था: द मॉगल्स ऑफ रीयल एस्टेट.
पालोनजी समूह विवादों में तब आया जब टाटा समूह के साथ उसका विवाद अदालत तक चला गया. पालोनजी के छोटे बेटे साइरस मिस्त्री 2012 से 2016 के दौरान टाट संस के चेयरमैन थे लेकिन उन्हें पद से हटा दिया गया था. लंबे समय तक चले कानूनी विवाद में आखिरकार टाट समूह की जीत हुई थी.
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