मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच, शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को मुंबई के पात्रा चॉल मामले के पुनर्विकास के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया और कहा कि वह होंगे ‘समय की चाहिए.’
उन्होंने कहा कि वह संकट के समय में पार्टी के साथ रहना पसंद करते हैं और प्रवर्तन निदेशालय से समय मांगेंगे. ‘मुझे पता था कि ईडी मुझे तलब करने जा रहा है, मैं घुटने नहीं टेकूंगा. बागी विधायक कुछ भी करें, मैं गुवाहाटी नहीं जाऊंगा. मैं बालासाहेब का शिव सैनिक हूं और मैं अपनी पार्टी के साथ रहूंगा. मैं कल ईडी के सामने पेश नहीं होऊंगा. मैं ईडी से समय मांगूंगा, लेकिन निश्चित रूप से कुछ समय बाद जाऊंगा.’ राउत ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा
प्रवर्तन निदेशालय से सम्मन मिलने के तुरंत बाद, संजय राउत ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्हें एक बड़ी लड़ाई लड़ने से रोकने की साजिश थी और कहा कि भले ही उनका सिर काट दिया जाए, वह ‘गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाएंगे.’
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में मंगलवार को शिवसेना नेता को पूछताछ के लिए तलब किया था. यह कदम महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच आया है जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं.
राउत ने आगे कहा कि बालासाहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने यह भी बताया कि ईडी ने राउत को मुंबई के पात्रा चॉल मामले के पुनर्विकास के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है.
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि राउत को ईडी के जांचकर्ताओं के सामने मुंबई में उसके क्षेत्रीय कार्यालय में सुबह 11 बजे पेश होने को कहा गया है.
इस साल अप्रैल में, ईडी ने 11.15 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी कुर्क किया था, जिसमें शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा के दादर में एक फ्लैट और अलीबाग के पास किहिम में आठ भूमि पार्सल शामिल थे, जो पुनर्विकास घोटाले के सिलसिले में संयुक्त रूप से स्वप्ना पाटकर के साथ जुड़े थे.
स्वप्ना सुजीत पाटकर की पत्नी हैं, जो शिवसेना नेता के करीबी सहयोगी हैं.
संघीय एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि लगभग 100 करोड़ रुपये रियल एस्टेट कंपनी, हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) से प्रवीण राउत के खाते में स्थानांतरित किए गए थे, जिन्होंने इन फंडों का एक हिस्सा अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्य और व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया था.
प्रवीण राउत गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन नामक एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में निदेशक रह चुके हैं और उन्हें इस मामले में एक आरोपी हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की सहायक कंपनी बताया गया है. प्रवीण राउत को पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था.
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विश्वासपात्र माने जाने वाले राउत को ईडी का समन आंतरिक विद्रोह के मद्देनजर पार्टी के लिए बढ़ती मुसीबत के बीच आया है.
संघीय एजेंसी संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खिलाफ 4,300 करोड़ रुपये के पीएमसी बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले की भी जांच कर रही है, जिनसे पिछले साल केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पूछताछ की गई थी.
एजेंसी मामले के एक आरोपी प्रवीण राउत की पत्नी द्वारा कुछ अन्य लेनदेन के अलावा 55 लाख रुपये के हस्तांतरण के संबंध में कथित बैंक ऋण घोटाले में उनकी भूमिका की जांच कर रही है.
पिछले साल ईडी ने इस मामले में प्रवीण राउत की 72 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की थी और उनसे और उनकी पत्नी माधुरी राउत से पूछताछ की थी.
एजेंसी ने आरोप लगाया था कि प्रवीण राउत ने कर्ज की आड़ में घोटाले से जूझ रहे बैंक से 95 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया, जिसमें से उसने अपनी पत्नी माधुरी राउत को 1.6 करोड़ रुपये का भुगतान किया. संजय राउत की पत्नी को ‘ब्याज मुक्त ऋण’ के रूप में दो किश्तें.
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