नई दिल्ली: केंद्र सरकार और दिल्ली बीजेपी नागरिक मुद्दों को लेकर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का मुकाबला करने के लिए दिल्ली के एकीकृत नगर निगम को ‘शासन के एक नए मॉडल’ के रूप में पेश करने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती की क्रमशः विशेष अधिकारी और आयुक्त के रूप में नियक्ति के बाद, एकीकृत नगर निगम ने भ्रष्टाचार शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना, एक हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाने और नागरिकों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाने के लिए एक ई-मेल एड्रेस सहित कई नई पहलों की शुरूआत की है.
कुमार नए सदन के लिए नए सिरे से चुनाव होने तक नागरिक निकाय की बागडोर संभालेगें.
इतना ही नहीं, नगर निकाय ने पिछले 3 जून को एक जन सुनवाई अभियान भी चलाया. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) मुख्यालय और आंचलिक कार्यालयों में कार्यदिवसों के दौरान जनसुनवाई आयोजित की जाती है.
दिल्ली के तीनों नगर निकायों – उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों – पर बीजेपी का नियंत्रण था, जिसने मई 2022 में उनके फिर से एक होने के पहले हुए 2017 के चुनाव में उन पर अपना कब्जा बरकरार रखा था. बीजेपी ने इन नगर निकायों, जिन्हें 2012 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा तीन भागों में विभाजित किया गया था, पर पिछले 15 वर्षों से अपना नियंत्रण कायम रखा है.
अतीत में, इस तीनों निगमों को भ्रष्टाचार, लालफीताशाही, सड़कों और नालियों के खराब रखरखाव, शहर में अनधिकृत निर्माण की जांच और पर्याप्त उपाय नहीं करने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
बीजेपी के ही कुछ सूत्रों ने मार्च में दिप्रिंट को बताया था कि पिछले अक्टूबर में पार्टी द्वारा आंतरिक रूप से किए गए एक सर्वेक्षण में दिखाया गया था कि आप बीजेपी से आगे चल रही है और इसी वजह से निकायों के एकीकरण का निर्णय जल्दबाजी में किया गया था. कहा जाता है कि इस साल की शुरुआत में आप को पंजाब में मिली शानदार जीत ने भी इस फैसले में एक भूमिका निभाई थी.
इस महीने की शुरुआत में, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी एमसीडी अधिकारियों को लोगों से मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने का निर्देश दिया था.
Addl.& Zonal Dy. Commissioners of #MCD have been instructed to be in field before office starts to inspect & ensure work & be present in office between 12-1 PM to meet people & redress their problems.
I appeal to people of Delhi to utilise this interface & help MCD serve better.— LG Delhi (@LtGovDelhi) June 4, 2022
एक सरकारी सूत्र ने कहा ‘एमसीडी के आला अधिकारी उपराज्यपाल के अधीन काम करते हैं, और उपराज्यपाल केंद्र के प्रति जवाबदेह होते हैं. इसलिए, इस एजेंसी में होने वाली नई पहलों के बारे में केंद्र को हमेशा से पता रहता है. ‘
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके सहयोगी निगम के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करते हैं उनका कहना था कि ‘एमसीडी अब पूरी तरह से केंद्र द्वारा नियंत्रित है’.
इस बीजेपी नेता ने कहा, ‘यह उन्हें (केंद्र को) चुनाव होने से पहले इस एजेंसी को पूरी तरह से बदलने का मौका देता है. जनता द्वारा उठाए गए मुद्दों, जिनमें भ्रष्टाचार और जन सुनवाई आयोजित नहीं होना भी शामिल है, का पहले समाधान किया जा रहा है.’
बीजेपी के एक सूत्र के अनुसार, जहां केंद्र सरकार इस नागरिक संस्था के कामकाज में सुधार लाने पर अपना सारा ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं पार्टी की दिल्ली इकाई चुनाव होने तक शासन से जुड़े मुद्दों पर आप से भिड़ती नज़र आ रही है.
निकाय चुनाव में अभी और देरी होने की संभावना है क्योंकि यह परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संपन्न हो सकता है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नया कानून – दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 – जिसने नगर निकायों को फिर से संगठित किया है, मौजूदा 272 वॉर्ड्स के बजाए अधिकतम 250 नगरपालिका वार्ड का प्रावधान करता है.
इस कायापलट के बारे में बात करते हुए, दिल्ली बीजेपी प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा, ‘जहां तक प्रसाशन का संबंध है, नागरिक निकाय में भ्रष्टाचार हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है’.
गुप्ता ने आगे कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और उन्होंने हमेशा लोगों के कल्याण के लिए काम किया है. एकीकृत एमसीडी जिस तरह से काम कर रही है, वह सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हमने उपराज्यपाल से मुलाकात की थी और नागरिक निकाय के कामकाज में समग्र रूप से सुधार के लिए उन्हें कई सुझाव दिए थे. हमें इस बात की खुशी है कि उन्होंने कई पहलें की हैं.’
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भाजपा के एजेंडे में शामिल है पानी का मुद्दा
इस बीच, बीजेपी की दिल्ली इकाई ने दावा किया है कि इस साल की गर्मी में शहर में हो रही पानी की समस्या को हरियाणा की बीजेपी सरकार द्वारा हल किया जा रहा है, न कि दिल्ली की आप सरकार द्वारा.’
गुप्ता ने कहा, ‘हरियाणा सरकार (दिल्ली और हरियाणा के बीच) समझौते के अनुसार आवश्यकता से अधिक पानी उपलब्ध करा रही है. दिल्ली में व्याप्त जल संकट कुप्रबंधन और पानी के रिसाव (लीकेज) की वजह से है, जिसे आप सरकार ने ठीक नहीं किया है. हमने हरियाणा के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और उन्होंने हमारे अनुरोध पर हमें पूरा-पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है.’
दिल्ली के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से शहर में पानी की आपूर्ति करने का अनुरोध करने के कुछ ही दिन बाद, मंगलवार को, गुप्ता ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से कम-से-कम 100 स्थानों से पानी के नमूनों का परीक्षण करने का आग्रह किया, साथ ही, उन्होनें आरोप लगाया कि शहर के विभिन्न हिस्सों में की जा रही पानी की आपूर्ति ‘दूषित’ है.
पानी का मामला दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस सारी कवायद का मकसद आप को उसके प्रशासनिक प्रदर्शन पर घेरना था. दिप्रिंट ने इस बारे में टिप्पणी के लिए टेक्स्ट मैसेज़ेज के माध्यम से दिल्ली सरकार के प्रवक्ता से संपर्क किया लेकिन इस खबर के प्रकाशित होने तक हमें उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
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