दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है.
सुरेंद्र सुझाव देते है कि मंगलवार को यूपी-दिल्ली सीमा पर किसानों के विरोध में पुलिस कार्रवाई किसानों के आक्रोश को रोकने से काफ़ी दूर थी.
द टाइम्स ऑफ इंडिया में, संदीप अध्वर्यु किसान विरोध और पुलिस कार्यवाई पर कटाक्ष करते हैं.
मीका अज़ीज़ ने महात्मा गांधी की जयंती पर किसानों के विरोध के खिलाफ पुलिस लथिचार्ज की विडंबना को दर्शाया है. जिनके अहिंसा के सिद्धांत ने दुनिया को प्रेरित किया है.
द एशियन एज में, गोकुल गोपालकृष्णन ने ‘स्वच्छ भारत’ को महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों को दिखते है.अपने कार्टून के माध्यम से यह भी दर्शाते है कि गाँधी का विचार आज से समय में तमाशा बनकर रह गया है.
बीबीसी हिंदी में, कीर्तीश भट्ट बताते हैं कि महात्मा गांधी को सबसे ज़्यादा उनकी जयंती पर ही याद किया जाता है.
मिड-डे, मंजुल उत्तर प्रदेश में ख़राब कानून व्यवस्था की स्थिति पर कटाक्ष करते हैं, जो हाल ही में आलोचना में आया था. जब लखनऊ में एक पुलिसकर्मी ने एक ऐप्पल कर्मचारी को गोली मार दी थी.
जैककार्टून्स ने ऐप्पल कर्मचारी विवेक तिवारी की मौत पर शुरू हुई राजनीति पर टिप्पणी करते है.
इकोनॉमिक टाइम्स में, आर. प्रसाद एक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तंज करते है. जो अक्सर अपनी अनियमित टिप्पणियों के लिए बदनाम है.
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