न्यूयॉर्कः ग्लोबल क्राइसिस रिस्पॉन्स ग्रुप ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने 94 देशों के करीब 1.6 अरब लोगों को वित्त, भोजन या ऊर्जा संकट में से किसी न किसी के प्रति लोगों परेशानी में डाला है.
8 जून को जारी रिपोर्ट में भोजन और ईंधन की आसमान छूती कीमतों को स्थिर करने की बात कहते हुए विकासशील देशों के लिए वित्तीय सहायता और सामाजिक सुरक्षा दायरे को बढ़ाने पर जोर दिया गया.
यूएन रिपोर्ट ने कहा चेतावनी दी कि खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए समय बहुत कम है. इस दौरान हम खाद्यान्न तक पहुंच और खाद्यान्न की उपलब्धता दोनों की समस्या से गुजर रहे होंगे.
आगे इसमें कहा गया कि अगर युद्ध जारी रहता है और अनाजों और फर्टिलाइजर्स की कीमतें अगले पौध रोपण के समय तक आसमान छूती रहीं तो भोजन की उपलब्धता चिंताजनक स्तर तक बढ़ जाएगी. साथ ही यह मक्का, गेहूं और वनस्पति तेलों का संकट अन्य महत्त्वपूर्ण फसलों तक भी फैल जाएगा जिससे अरबों लोग प्रभावित होंगे.
यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के प्रभाव से जीवन यापन काफी महंगा हो गया है जिससे कोई भी देश अछूता नहीं है. यूएन का संदेश बिल्कुल साफ है कि देशों जिंदगियां बचाने के लिए अभी काम करना होगा.
उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन हमले ने एक नई सच्चाई को हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया है. जो लोग जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ रहे हैं उनके हर दिन खून-खराबा और दर्द देख रहे हैं. युद्ध ने पूरी दुनिया को डरा दिया है और सामाजिक व आर्थिक संकट के साथ भूखमरी के लिए नया दरवाजा खोल दिया है.’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘युद्ध की शुरुआत से ही भुखमरी की शुरुआत हो गई है जो कि आने वाले समय में और बढ़ सकती है.’
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