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Friday, 22 November, 2024
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पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने कहा- राजनीतिक स्थिरता के बिना आर्थिक स्थिरता नहीं आएगी

शरीफ ने जोर देकर कहा कि निर्यात में वृद्धि, कृषि उपज और वित्तीय प्रबंधन योजना के प्रमुख घटक होने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सरकार व्यापक योजना तैयार करने के लिए कृषि और निर्यात पर एक टास्क फोर्स का गठन करेगी.’

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि राजनीतिक स्थिरता के बिना कोई आर्थिक स्थिरता नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने नकदी की तंगी से जूझ रहे देश की चरमराती अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सभी हितधारकों को ‘अर्थव्यवस्था का चार्टर’ नामक दीर्घकालिक योजना तैयार करने के लिए एकसाथ आने का आह्वान किया.

शरीफ ने बजट से पहले यहां मंगलवार की रात एक व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निर्यात और कृषि उपज में वृद्धि तथा वित्तीय प्रबंधन योजना के प्रमुख घटक होने चाहिए.

सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस पाकिस्तान ने उनके हवाले से कहा, ‘मैं आर्थिक बदलाव के लिए एक विवेकपूर्ण और व्यापक दृष्टिकोण की मांग कर रहा हूं.. यही कारण है कि मैं सभी हितधारकों से देश की अर्थव्यवस्था बदलने के लिए (मौजूदा) समय की चुनौती का सामना करने की अपील कर रहा हूं.’

उन्होंने सम्मेलन में भाग ले रहे उद्योगपतियों, कृषकों और अर्थशास्त्रियों से कहा, ‘चाहे कुछ भी हो, जो भी पार्टी सत्ता में आए, ‘अर्थव्यवस्था के चार्टर’ में निर्धारित लक्ष्य अपरिवर्तित रहेंगे. यह हमारा पवित्र विश्वास बन जाएगा, जो नहीं बदलेगा. हमें इसकी आवश्यकता है.’

सम्मेलन में भाग ले रहे उद्योगपतियों, कृषकों और अर्थशास्त्रियों ने देश को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए तमाम सुझाव भी दिए.

उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक स्थिरता के बिना, कोई आर्थिक स्थिरता नहीं आने वाली. उन्होंने अर्थव्यवस्था के चार्टर की आवश्यकता पर भी बल दिया.

शरीफ ने जोर देकर कहा कि निर्यात में वृद्धि, कृषि उपज और वित्तीय प्रबंधन योजना के प्रमुख घटक होने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सरकार व्यापक योजना तैयार करने के लिए कृषि और निर्यात पर एक टास्क फोर्स का गठन करेगी.’

उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं पर अमल न होने के कारण पाकिस्तान पिछड़ गया, जबकि भारत जैसे अन्य देशों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.

प्रधानमंत्री ने कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग और उद्योगों एवं निर्यात के प्रदर्शन को बढ़ावा देने का आह्वान किया. उन्होंने घोषणा की कि वह इन क्षेत्रों में काम करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करेंगे.

भारत के साथ देश के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में लगभग 200 अरब अमेरिकी डॉलर का उत्पादन होता है, जबकि पाकिस्तान का उद्योग लगभग 2.5 अरब अमेरिकी डालर के आसपास मंडरा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमें विशेष निर्यात औद्योगिक क्षेत्रों पर विचार करना चाहिए.’

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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