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Thursday, 19 December, 2024
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अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान- BJP ने नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल को किया सस्पेंड

पार्टी ने एक पत्र जारी कर कहा है कि आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो कि साफ तौर पर पार्टी के संविधान के नियम 10 (a) उल्लंघन है.

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नई दिल्ली: बीजेपी ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी को लेकर रविवार को नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया. दोनों की पार्टी की प्राइमरी सदस्यता भी रद्द कर दी गई है.

बीजेपी ने उनके विचारों को विभिन्न मामलों पर पार्टी की पॉजिशन के विपरीत बताते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया है.

पार्टी ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा है कि आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो कि साफ तौर पर पार्टी के संविधान के नियम 10 (a) उल्लंघन है.

मुझे आपको यह बताने के लिए निर्देशित किया गया है कि आगे की जांच के लिए, तत्काल प्रभाव से आपको पार्टी से  निलंबित कर दिया गया है और आपकी जिम्मेदारियों/अगर कोई असाइनमेंट्स हो तो उससे.

इससे पहले दिन में, भाजपा ने अपने महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा, ‘भाजपा किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है. भारतीय जता पार्टी किसी भी ऐसी विचारधारा के खिलाफ है जो किसी भी वर्ग या धर्म का अपमान करती है. भाजपा ऐसे लोगों या सोच को बढ़ावा नहीं देती है.’

बीजेपी ने कहा कि वह ‘सभी धर्मों का सम्मान करती है’ और ‘किसी भी विचारधारा के खिलाफ है जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान या अपमान करती है.’

पार्टी ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा है, ‘भारत के हजारों वर्षों के इतिहास में हर धर्म फला-फूला और भारतीय जनता पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है.’

इसमें कहा गया है, ‘भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने और हर धर्म का सम्मान करने का अधिकार देता है. जैसा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहा है, हम भारत को एक महान देश बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां सभी समान हैं और हर कोई गरिमा के साथ रहता है, जहां सभी भारत की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां सभी विकास और विकास के फल का आनंद लेते हैं.’

हालांकि, आधिकारिक बयान में बहस के दौरान शर्मा द्वारा की गई किसी भी घटना या टिप्पणी का कोई प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं किया गया है.

मुंबई पुलिस ने रजा अकादमी की मुंबई विंग के संयुक्त सचिव इरफान शेख की शिकायत के आधार पर शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

इसमें कहा गया है कि शर्मा ने ज्ञानवापी मुद्दे पर एक समाचार बहस में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की. इसके अलावा, जिंदल ने कथित तौर पर देश के हितों के खिलाफ ट्वीट किया.

शर्मा और जिंदल द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद, खाड़ी देशों के कई ट्विटर यूजर्स ने भारत में बने उत्पादों के बहिष्कार के लिए आवाज उठाई. कुछ ट्विटर यूजर्स ने कहा इस तरह के नेता तत्काल जेल भेजा जाना चाहिए, नहीं तो हम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे.’

एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान के बाद, भाजपा दिल्ली ने अपने प्रवक्ता द्वारा टेलीविजन पर दिए गए बयानों और भाजपा सदस्य नवीन कुमार जिंदल के ट्वीट से खुद को दूर कर लिया.’

गौरतलब है कि भाजपा नेता और प्रवक्ता अक्सर अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों के खिलाफ आए दिन भड़काऊ बयान देते नजर आते हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जाता है. इसका विपक्ष अक्सर विरोध करता रहा है, लेकिन देखा गया है कि पार्टी इनके खिलाफ किसी तरह के कदम उठाने से बचती रही है.

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी रिपोर्ट में भारत पर सवाल

वहीं इससे पहले 3 जून को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने वार्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी करने के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकार कैसे खतरे में हैं.

उन्होंने कहा था कि उदाहरण के तौर पर भारत में जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और जहां कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, वहां हम लोगों और धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ते देख रहे हैं.

रिपोर्ट के भारत खंड में कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर हमले, मारपीट और डराने-धमकाने जैसी घटनाएं पूरे साल होती रहीं. इनमें गोहत्या या गोमांस के व्यापार के आरोपों के आधार पर गैर-हिंदुओं से जुड़ी घटनाएं शामिल थीं.


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