नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को स्पेशल कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी की पूछताछ के दौरान वकील रखने की इजाज़त दी गई थी.
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ईडी द्वारा दाखिल की गई याचिका पर आदेश को सुरक्षित रख लिया. प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था जिसमें सत्येन्द्र जैन को पूछताछ के दौरान वकील रखने की इजाज़त दी गई थी. जैन 9 जून तक के लिए ईडी की हिरासत में हैं.
आदेश जारी करते हुए जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा, ‘चूंकि प्रतिवादी के खिलाफ न ही किसी प्रकार का एफआईआर है और न ही किसी प्रकार की शिकायत है इसलिए किसी अधिकार के तहत अपने बयान को दर्ज कराने के दौरान वकील की मौजूदगी की मांग नहीं कर सकता है.’
जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि यहां तक कि उनकी सारी रिकॉर्डिंग की वीडियोग्राफी और ऑटोग्राफी की जा रही है जिसकी वजह से इस बात की कोई संभावना नहीं है कि उनके ऊपर कोई दबाव बनाया जा रहा हो. मामले को 24 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि स्पेशल जज द्वारा दिया गया आदेश तार्किक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि सत्येंद्र जैन आरोपी नहीं हैं इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती.
एएसजी ने यह भी कहा कि आरोपी को धमकाने या पीटे जाने का भी कोई आरोप नहीं लगाया गया है. इसलिए पूछताछ के दौरान वकील की उपस्थिति जरूरी नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि सभी तरह की पूछताछ और जांच के लिए ईडी वीडियोग्राफी करवाती है लेकिन सत्येंद्र जैन खुद ही जांच के दौरान वीडियोग्राफी के लिए तैयार नहीं हैं.
जबकि दूसरी तरफ सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने एएसजी की बात पर ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान वकील की उपस्थिति की अनुमति कोर्ट द्वारा हमेशा दी जाती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का संदर्भ दिया. उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान दिखने वाली और न सुनाई पड़ने वाली दूरी से वकील की उपस्थिति की अनुमति हमेशा दी जाती है.
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