हम रहें या न रहें कल,
कल याद आएंगे ये पल,
पल ये हैं प्यार के पल
जिंदगी अनिश्चितताओं से भरी है. जीवन के तमाम आयामों को अपनी सुरीली आवाज से बयां करने वाले मशहूर गायक कृष्णकुमार कुन्नथ (केके) अब हमारे बीच नहीं हैं. और जब वो हमारे बीच से गए तो इसी गीत को गाते हुए गए.
मंगलवार रात पश्चिम बंगाल के कोलकाता में उनकी असमय मृत्यु हो गई. एक लाइव कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के बाद जब वे अपने होटल लौटे तो वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे. जब उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
53 वर्षीय केके के गीत, यादों के एक लंबे सफर पर ले चलते हैं जहां दोस्तों की यारियों की बात है, अलविदा कहने की बात है, हर पल को जीने की बात है, प्रेम की बात है और भी न जाने जिंदगी के तमाम पहलू हैं. उनके गीतों ने लोगों के दिलों पर राज किया है.
केके भारतीय संगीत की दुनिया में एक मौलिक आवाज थे. उनकी पहचान उनके गाए बेशुमार लोकप्रियता हासिल किए उनके गीत हैं. केके बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. न केवल उन्होंने हिंदी में गीत गाए बल्कि तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी और बंगाली समेत कई भाषाओं में उन्होंने 700 से ज्यादा गाने गाए.
2000 के दशक के वे सबसे मशहूर गायकों में से एक हैं. उनके गाए बेहतरीन गीतों की लंबी फेहरिस्त है जो 1996 से शुरू होकर हाल में आई फिल्म 83 के ये हौसले पर आकर रुकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट कर कहा, ‘उनके गीत भावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाते हैं, जो सभी आयु वर्ग के लोगों के साथ जुड़ा हुआ था.’
Saddened by the untimely demise of noted singer Krishnakumar Kunnath popularly known as KK. His songs reflected a wide range of emotions as struck a chord with people of all age groups. We will always remember him through his songs. Condolences to his family and fans. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2022
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अंधेरे में रोशनी की तरह हैं केके के गाने
केके भारतीय संगीत का एक ऐसा चेहरा हैं जो दूर होकर भी कहीं न कहीं हम सबमें मौजूद हैं. उनके गीतों ने एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया है. स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्रों के बीच उनके गीत आज तक गाए जाते हैं खासकर पल ये हैं प्यार के पल और अलविदा.
केके संगीत की चमकदार दुनिया के धुंधलके में एक ऐसी रोशनी है जिसने हजारों सितारों के बीच अपनी अलग चमक बरकरार रखी. उनकी आवाज ने एक जादुई संसार गढ़ा है जिसमें हर पीढ़ी से लोग आकर एक कारवां बनाते चले गए और अपने-अपने गम, खुशी, प्रेम, तड़प को महसूस करते चले गए.
केके के गीत इंसानी जज्बातों की एक समृद्ध ऋंखला है. चाहे हम दिल दे चुके सनम फिल्म का तड़प तड़प के हो या रोग फिल्म का मैंने दिल से कहा या आवारापन बंजारापन, अलविदा, खुदा जाने क्या, यारों. उनके गीत जिंदगी के अंधेरे और उजाले से राब्ता कराते हैं.
केके का गाना गाने का एक खास अंदाज था, जो अपने आप में सबसे जुदा था. उनका गाया ‘यारों ‘ गीत तो दोस्ती का एंथम सांग बन चुका है.
यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है
ये ना हो तो क्या फिर
बोलो ये जिंदगी है
कोई तो हो राजदार
बेगरज तेरा हो यार
कोई तो हो राजदार
केके गानों को गाते हुए एक स्वच्छंदता में पहुंच जाते थे लेकिन कहीं भी आवाज बेसुरीली नहीं होती थी. उनका गाने का रेंज बहुत बड़ा था, वे एकदम लो पिच से हाई पिच तक आसानी से पहुंच जाते थे. एआर रहमान, आनंद मिलिंद, प्रीतम, विशाल भारद्वाज समेत कई दिग्गज संगीतकारों के साथ उन्होंने काम किया.
केके की आवाज में एक खलिश थी जिसे लोग खुद के जज्बातों के काफी करीब पाते थे. आवारापन बंजारापन…एक खला है सीने में . इस गीत को सुनते हुए उनकी आवाज की कसक को महसूस किया जा सकता है. केके ने अपनी आवाज के सदके से कई नायाब गीत हमारे लिए गाए हैं जिसका असर आज तक संगीत प्रेमियों पर है.
केके ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं भीड़ में असहज हो जाता हूं.’ केके स्वभाव से संकोची रहे हैं. उन्होंने एक बार कहा था, ‘मैं हमेशा से मीडिया से संकोच करता रहा. शायद इसलिए लोग नहीं जानते कि मैं कौन हूं. कई बार ऐसा हुआ है कि कॉन्सर्ट के बाद फैन्स आकर मुझसे पूछते हैं कि सच में आप ही केके हो जिसने तड़प तड़प और अलविदा जैसे गाने गाए हैं.’
केके किशोर कुमार और आरडी बर्मन समेत माइकल जैकसन से काफी प्रभावित थे. उन्होंने एक बार कहा था, ‘किशोर कुमार मेरे सबसे बड़े प्रेरणा थे. मैं बचपन में उनके गाने गाता था और सोचता था कि एक इंसान हर मूड के गाने कैसे गा सकता है.’ किशोर कुमार का प्यार दीवाना होता है मस्ताना होता है…केके के पसंदीदा गीतों में से एक था.
उनके गीतों में जहां एक तरफ भारतीय संगीत परंपरा की झलक दिखती है वहीं पश्चिम का प्रभाव भी उतना ही दिखता है. कहीं कहीं तो ये दोनों ही प्रभाव उनके एक ही गीत में देखने को मिल जाते हैं. दिलचस्प बात तो ये है कि उन्होंने कभी संगीत की ट्रेनिंग नहीं ली लेकिन उनकी आवाज इस महाद्वीप के करोड़ों संगीत प्रेमियों की जुबां पर चढ़ गए.
लेखक-गीतकार वरुण ग्रोवर के अनुसार उनका बेहतरीन काम व्यक्तिगत क्षणों की हानि के बारे में थी.
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दिल्लीवाला केके
केके का जन्म दिल्ली में एक मलयाली परिवार में हुआ. दिल्ली के माउंट सेंट मैरी स्कूल ने पढ़ने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की.
कॉलेज से निकलने के बाद उन्होंने तकरीबन छह महीने मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम किया. 1994 में उन्होंने मुंबई जाने का फैसला किया जहां से उनका संगीत का सफर शुरू हुआ.
1994 से लेकर अगले चार सालों तक उन्होंने 11 भाषाओं में 3500 से ज्यादा जिंगल्स गाए. उन्हें बॉलीवुड में पहला मौका 1999 में आई सलमान खान की फिल्म हम दिल दे चुके सनम में मिला जिसमें उनका गाया गीत- तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही– काफी मशहूर हुआ.
हालांकि इससे पहले 1996 में आई गुलज़ार की फिल्म माचिस में उन्होंने छोड़ आए हम वो गलियां गीत का एक छोटा सा हिस्सा गाया था. इस गाने में उनके सह-गायकों में हरिहरन, सुरेश वाडकर और विनोद सहगल थे जिसे विशाल भारद्वाज ने कंपोज किया था.
1999 में उनका पहला सोलो एल्बम निकला जिसका नाम था- पल. इस एल्बम के गाने काफी लोकप्रिय हुए जिसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा सहित दूसरी अन्य भाषाओं में कई खूबसूरत गीत गाए. 2008 में हमसफर नाम से उनका एक और एल्बम आया जिसमें अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों गाने थे.
भले ही केके अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके गाए गीतों का जादू हमेशा हमारे बीच रहेगा.
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