नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंगलवार को रिसर्च इंटर्नशिप्स के लिए गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी, जिसे छात्र अंडरग्रेजुएट स्तर पर कर सकते हैं.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में ऐसी इंटर्नशिप्स को अनिवार्य किया गया है और सभी क्षेत्रों में ग्रेजुएशन विशेष रूप से चार-वर्षीय अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए रिसर्च को जरूरी बनाने की मांग की गई है. इसलिए, यूजीसी ने शैक्षणिक संस्थानों को गाइडलाइंस जारी की हैं कि इस दिशा में कैसे आगे बढ़ना है.
मंगलवार को मंजूर की गईं गाइडलाइंस में विशेष रूप से कहा गया है कि इंटर्नशिप की अवधि कितनी रहेगी और छात्र ये इंटर्नशिप्स कैसे हासिल कर सकते हैं. साथ में कोर्स के क्रेडिट्स भी दिए गए हैं.
हालांकि सभी छात्रों के लिए इंटर्नशिप्स करना अनिवार्य है लेकिन इनकी समय सीमा उस कोर्स की अवधि पर निर्भर करती है जो छात्र पढ़ना चाहता है.
एनईपी 2020 के अंतर्गत पेश की गई मल्टिपल एंट्री-एग्ज़िट सुविधा में छात्र दो सेमेस्टर्स (पहला साल) या चार सेमेस्टर्स (दूसरा साल) के बाद किसी कोर्स को छोड़ सकते हैं. अगर वो एक साल के बाद छोड़ते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा, अगर दो साल के बाद छोड़ते हैं तो उन्हें डिप्लोमा मिलेगा.
गाइडलाइंस में विशेष रूप से कहा गया है, ‘8-10 सप्ताह की इंटर्नशिप्स जिनके 10 क्रेडिट्स होंगे, उन छात्रों के लिए अनिवार्य होगी जो क्रमश: सर्टिफिकेट या डिप्लोमा के साथ कोर्स छोड़ना चाहते हैं’.
जो छात्र रिसर्च के साथ चार वर्ष का प्रोग्राम करना चाहते हैं, उन्हें एक वर्ष के वास्तविक शोध कार्य के साथ 10 सप्ताह की इंटर्नशिप करनी होगी. जो छात्र चार वर्ष का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (शोध के बिना) करना चाहते हैं, उन्हें भी कम से कम 8-10 सप्ताह की इंटर्नशिप करनी होगी.
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रिसर्च इंटर्नशिप्स
दिशानिर्देशों में विशेष रूप से कहा गया है कि कोई भी संस्थान छात्रों की इंटर्नशिप्स का बंदोबस्त करने के लिए दूसरे शोध तथा शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी करके उनकी सहायता कर सकता है.
गाइडलाइंस में कहा गया है, ‘रिसर्च इंटर्नशिप का अनुभव शैक्षणिक संस्थानों, शोध संस्थाओं, औद्योगिक अनुसंधान लैब्स, राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के संगठनों की फैकल्टी/वैज्ञानिकों और विशेष क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के साथ काम करके हासिल किया जा सकता है’.
गाइडलाइंस में आगे कहा गया है कि इंटर्नशिप के दौरान छात्र एक विशेष अवधि के लिए किसी रिसर्च सुपरवाइज़र के साथ संबद्ध रहेगा- जो अच्छा हो कि दूसरे संस्थान से हो- जहां वो सुपरवाइज़र की रिसर्च सुविधा में एक समयबद्ध प्रोजेक्ट पर काम करेगा.
उनमें ये भी सुझाया गया है कि जो शोधकर्ता बाहरी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, उन्हें छात्रों को इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए, ताकि वो उनसे सीख सकें.
गाइडलाइंस के अनुसार ‘रिसर्च इंटर्नशिप’ दो उद्देश्यों के लिए शुरू की गई है- ‘छात्र की व्यक्तिगत रोजगार क्षमता को बढ़ाना’ और ‘छात्र की शोध उपयुक्तता को विकसित करना’.
छात्र या तो खुद से रिसर्च इंटर्नशिप्स के लिए आवेदन करेंगे या अपने पेरेंट संस्थान के फैकल्टी उस्तादों के जरिए करेंगे. एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहां छात्र रिसर्च इंटर्नशिप्स के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
इंटर्न्स का चयन मेजबान संस्थाओं द्वारा अपने मानदंडों के आधार पर किया जाएगा. मेजबान संस्था स्वयं पोर्टल अथवा मेल के माध्यम से संभावित इंटर्न को सूचित करेगी और उनसे पुष्टि या स्वीकृति की मांग करेगी.
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