नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के सुंजवां इलाके में सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) पर आतंकवादी हमले के बाद नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) और स्टेट इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एसआईए) की टीम घटनास्थल पहुंची.
जम्मू में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकवादियों ने शुक्रवार को तड़के सीआईएसएफ के जवानों पर उस समय हमला किया था जब वो एक चौकी पर पाली बदल रही थी.
पुलिस ने बताया कि आत्मघाती हमलावरों ने जिले के सुंजवां इलाके में चड्ढा शिविर के पास चौकी पर तैनात कर्मियों पर अपने आधुनिक हथियारों से गोलीबारी की और हथगोले फेंके थे.
सीआईएसएफ के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) और मुख्य प्रवक्ता अनिल पांडेय ने बताया, ‘मौके पर मौजूद सीआईएसएफ के जवानों ने तेजी से कार्रवाई की और हमले का जवाब दिया जिसके कारण आतंकवादी इलाके में मौजूद सुरक्षा बलों के मुख्य घेरे तक नहीं पहुंच सके.’
उन्होंने कहा, ‘अगर वे सफल हो जाते और उन्हें पास के रिहायशी इलाके में शरण लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तो सुरक्षाबलों को अधिक नुकसान हो सकता था.’
इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एक निजी बस में सवार 15 सीआईएसएफ जवानों का एक दल उन लोगों से कार्यभार संभालने ही वाला था जो अपनी रात की ड्यूटी खत्म कर रहे थे. यह हमला सुबह करीब 4:25 बजे हुआ.
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा भारी गोलीबारी और हथगोले फेंके जाने के बाद बस चालक भाग गया लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की.
हमले में सीआईएसएफ के सहायक उपनिरीक्षक एसपी पटेल (58) शहीद हो गए जबकि अर्धसैनिक बल के छह अन्य जवान और कुछ अन्य लोग घायल हो गए. पटेल मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहने वाले थे.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सीआईएसएफ ने जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर 13 कंपनियों या लगभग 1,200 कर्मियों को तैनात किया है और हमले की चपेट में आए कर्मी छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित कंपनी नंबर 757 से हैं.
भाषा के इनपुट से
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