नई दिल्ली: भारत में पहले तीन आम चुनावों में किस पार्टी का दबदबा रहा? ‘गरीबी हटाओ’ का नारा किसने दिया? और एक सामाजिक और वैचारिक गठबंधन के तौर पर कांग्रेस के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें— ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो राजस्थान बोर्ड की 12वीं कक्षा के लिए गुरुवार को हुए राजनीति विज्ञान के पेपर में शामिल थे.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां प्रश्न पत्र में ऐसे सवालों को शामिल करने को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की मंशा पर सवाल उठाए, वहीं कांग्रेस का दावा है कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि प्रश्न पत्र स्वतंत्र परीक्षकों द्वारा बनाए जाते हैं.
प्रश्न पत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से इसे लेकर राज्य में खासा बवाल मच गया है और भाजपा ने सवाल तैयार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रश्न पत्र की आलोचना करते हुए कहा, ‘यह राजनीति विज्ञान का पेपर है या फिर कांग्रेस के इतिहास पर बना कोई प्रश्न पत्र? यह पार्टी युवा पीढ़ी को गुमराह करने के लिए जानी जाती है. हम इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.’
कुछ अन्य सवाल इस तरह के थे— ‘कांग्रेस ने 1967 का आम चुनाव किन परिस्थितियों में लड़ा और उसे कैसा जनादेश मिला? विस्तार से बताएं’, ‘लोकसभा चुनाव 2004 के बाद कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिकांश दलों के बीच व्यापक आम सहमति बनी थी. उनमें से किन्हीं दो को संक्षेप में समझाइए’ और ‘1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कितनी सीटें जीती थीं?’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक के संबंध में भी एक सवाल पूछा गया और एक में पूछा गया था, ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी किस आधार पर विभाजित हुई थी.’
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक, एल.एन. मंत्री ने दिप्रिंट को बताया, ‘सभी प्रश्न एनसीईआरटी के सिलेबस पर आधारित हैं, जो बोर्ड परीक्षाओं में पूछे जाते रहे हैं. प्रश्न सिलेबस से हैं और निर्धारित मानदंडों के अनुरूप हैं. हम पहले ही सवालों की जांच कर चुके हैं और प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक पाया गया कि यह पूरी तरह पाठ्यक्रम पर आधारित है. इसमें कांग्रेस से जुड़े कुछ अध्याय हैं, सवाल उसी के संदर्भ को दर्शाते हैं.’
भाजपा विधायक और प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने कहा, ‘राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी राज्य में शिक्षा का भी राजनीतिकरण करने में जुटी है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 12वीं कक्षा का राजनीति विज्ञान का पेपर वास्तव में राजनीति विज्ञान के बारे में नहीं है, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बारे में है.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए जिन छात्रों को कांग्रेस के बारे में अधिक जानकारी होगी, उन्हें कांग्रेस अपनी पार्टी में शामिल करेगी. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे सिर्फ कांग्रेस के बारे में सवाल पूछ रहे हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘वे एक तरह से छात्रों को केवल कांग्रेस के इतिहास के बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा की मांग है कि सवाल तैयार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में इसका ध्यान रखा जाए कि किसी एक खास पार्टी की विचारधारा से जुड़े सवाल न पूछे जाएं.’
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