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Friday, 22 November, 2024
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मंदिरों के बाहर कुरान का पाठ करेंगी मुस्लिम महिलाएं—अलीगढ़ में SP नेता के खिलाफ क्यों दर्ज हुआ मामला

खानम के खिलाफ प्राथमिकी में कहा गया है कि उन पर भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है जो नफरत भरे बयानों से जुड़े हैं

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लखनऊ: अलीगढ़ पुलिस ने विवादास्पद समाजवादी पार्टी नेता रुबीना खानम पर ‘एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने’ के आरोपों पर सोमवार शाम मामला दर्ज कर लिया है, जिन्हें एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर यह कहते दिखाया गया है कि मुसलमानों को उकसाया नहीं जाना चाहिए.

सोमवार सुबह उन्हें एक वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है, ‘दूसरों के धर्म के साथ खिलवाड़ मत करो. यह अच्छा नहीं होगा.’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा, ‘भाजपा सरकार हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाना चाहती है. वह ध्रुवीकरण की अपनी राजनीति के लिए मुसलमानों को निशाना बना रही है.’

खानम के फेसबुक प्रोफाइल में लिखा है कि वह सपा की महिला शाखा महिला सभा की नगर अध्यक्ष हैं. वह फरवरी में हिजाब विवाद बढ़ने के दौरान यह कहकर सुर्खियों में आ गई थीं कि ‘अगर किसी ने हिजाब को हाथ लगाया तो हाथ काटकर रख देंगी.’

खानम का यह बयान ऐसे समय आया है जब धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर लड़ाई जारी है.

संदर्भ के तौर पर एबीवीपी और हिंदू महासभा ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वे हनुमान चालीसा के पाठ के लिए अलीगढ़ में 21 क्रॉसिंग पर लाउडस्पीकर लगाने जा रहे हैं. यह विवाद ऐसे समय पर उठा है जबकि रमजान का महीना चल रहा है.

इस बीच, समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने दिप्रिंट से कहा है कि उन्हें न तो खानम के बारे में कोई जानकारी है और न ही उनकी टिप्पणी के बारे में.

उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसी किसी महिला के बारे में नहीं जानता हूं और इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा.’

‘हमें मजबूर मत करो

वीडियो में खानम को यह कहते सुना जा सकता है, ‘यह हमारी आस्था का मामला है. मंदिरों और मस्जिदों में पहले भी लाउडस्पीकर लगाए जाते रहे हैं और लोग अपने-अपने धर्मों का पालन करते रहे हैं.’

वह वीडियो में कहती हैं, ‘यह बेहद गलत है क्योंकि यह सब रमजान के पवित्र महीने में किया जा रहा है.’

प्रेस के साथ साझा किए गए एक वीडियो में वह कहती हैं, ‘हम महिलाओं ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं. हम सामने से मोर्चा संभालेंगे. सैकड़ों की संख्या में हम लोग आपके मंदिरों के सामने बैठेंगे और कुरान का पाठ करेंगे और यह एकदम शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा. हम आपके जैसे नहीं हैं.’

वह वीडियो में कहती हैं, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से मुसलमानों को कोई दिक्कत नहीं है.

वह इसमें कहती हैं, ‘मैं बताना चाहती हूं कि जहां मैं हूं, उसके ठीक सामने एक मंदिर है. वे सुबह-शाम एक घंटे अपना ‘पाठ’ करते हैं. लेकिन न तो मुझे और न ही किसी अन्य मुसलमान को इससे कोई दिक्कत है. लेकिन मैं यही कहना चाहती हूं कि मुसलमानों को तंग मत करो. हमारे विश्वास, हमारी भावनाओं के साथ मत खेलो.’

FIR में क्या कहा गया

खानम के खिलाफ प्राथमिकी में कहा गया है कि उन पर भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है जो नफरत भरे बयानों से जुड़े हैं—धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 295-ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे के साथ जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 298 (किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से कोई भी शब्द/ध्वनि या इशारा करना) और धारा 505 (कोई भी बयान, अफवाह या रिपोर्ट को बनाना/प्रकाशित/प्रसारित करना).

अलीगढ़ पुलिस के सर्कल ऑफिसर-3 श्वेताभ पांडे ने दिप्रिंट को बताया कि अगर खानम ने जांच में सहयोग नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.

यह पहला मौका नहीं है जब खानम किसी विवाद में घिरी हैं. वह फरवरी में उस समय भी सुर्खियों में रही थी, जब कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर विवाद जारी था. उस समय खानम ने कहा था, ‘हिजाब पर हाथ डालने वालों के हाथ काट दिए जाएंगे.’

उन्होंने कहा था कि हिजाब और घूंघट भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं और ‘इन मुद्दों पर राजनीति कर विवाद खड़ा करना भयानक है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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