नई दिल्लीः केंद्र ने मंगलवार को मंगलवार को दिल्ली नगर निगम (संशोधन) ऐक्ट, 2022 को नोटीफाई कर दिया जिसके बाद पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी दिल्ली के नगर निगम मिल के एक हो जाएंगे. इसे अब दिल्ली नगर निगम कहा जाएगा.
नगर निगम के कर्तव्यों के पालन के लिए सरकार एक विशिष्ट अधिकारी को नियुक्त करेगी.
इससे पहले 5 मार्च को राज्य सभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित किया गया था. जबकि लोकसभा में यह बिल 30 मार्च को पारित किया गया था.
राज्य सभा में बिल को पेश करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह दिल्ली में उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों को मिलाकर एक कर देगा.
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, दिल्ली के तीन नगर निगमों के एककीकरण का मकसद संसाधनों का अधिकतम उपयोग, समन्वय एवं रणनीतिक योजना सुनिश्चित करना है.
विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की आप सरकार पर तीन नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह निगमों को प्रताड़ित कर रही है और इससे दिल्ली की जनता पीड़ित हो रही है.
उन्होंने कहा था कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 239 (एए) के तहत प्रदत्त अधिकार के माध्यम से लाया गया है जिसमें कहा गया है कि संसद को दिल्ली के संघ राज्य क्षेत्र से जुड़े किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है.
वहीं अधिकारियों का कहना है कि सभी वॉर्ड के सदस्यों की उपस्थिति के लिए सिविक सेंटर को इसका मुख्यालय बनाया जाएगा क्योंकि यहां पर पर्याप्त जगह है. इससे पूर्व साल 2011 में दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को तीन भागों में बांट दिया गया था.
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