जालंधर: बी.आर. आम्बेडकर की जयंती के मौके पर गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ‘हमारे अपने कुछ लोगों’ से संविधान को खतरा है.
मान ने लोगों से भारतीय संविधान की भावना को बनाए रखने का आह्वान किया और कहा कि इसे देश में कुछ शक्तियों से खतरा है.
एक समारोह में मान ने कहा कि आम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान की मूल भावना को कुछ लोग कमतर करने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि देश के पहले कानून मंत्री रह चुके आम्बेडकर संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष थे.
मान ने कहा कि ऐसी कोशिशें कोई विदेशी या ब्रिटिश नहीं कर रहे हैं, ‘हमारे अपने कुछ लोग’ ऐसा कर रहे हैं और वह अपनी मंशा में सफल हों इससे पहले उन्हें रोकने की जरूरत है.
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि आम्बेडकर ने लोगों को मताधिकार देकर सशक्त किया था जिससे उन्हें उन लोगों को हटाने में मदद मिली जिन्होंने कभी राज्य पर शासन किया था.
उन्होंने बताया कि प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, मनप्रीत सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया आदि को हटाने में लोग कामयाब रहे और यह सब वोट की शक्ति से हुआ है.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारे संविधान का स्तंभ है और इसलिए इसके मूल्यों के साथ छेड़छाड़ के किसी प्रयास को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कमजोर संवैधानिक लोकतंत्र के कारण यह पड़ोसी मुल्क गंभीर संकट में है.
मान ने ट्वीट भी किया, ‘कोई आपके पैसे या संपत्ति छीन सकता है, लेकिन आपकी शिक्षा कोई नहीं छीन सकता बाबा साहेब अंबेडकर जी का सपना था कि देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले जैसे दिल्ली में हमारी सरकार बाबा साहेब का सपना पूरा कर रही है, वैसे ही हम पंजाब में भी बाबा साहेब के सपने को साकार करेंगे.’
कोई आपके पैसे या संपत्ति छीन सकता है, लेकिन आपकी शिक्षा कोई नहीं छीन सकता
बाबा साहेब अंबेडकर जी का सपना था कि देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले
जैसे दिल्ली में हमारी सरकार बाबा साहेब का सपना पूरा कर रही है, वैसे ही हम पंजाब में भी बाबा साहेब के सपने को साकार करेंगे। pic.twitter.com/3x7McnMVpE
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 14, 2022
मान ने आम्बेडकर को महान विद्वान, न्यायविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, राजनेता और विश्व इतिहास के सबसे महान व्यक्तित्वों में से एक करार दिया. उन्होंने कहा कि संविधान आम्बेडकर की कड़ी मेहनत, समर्पण और दूरदर्शिता का परिणाम है.
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