दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल का हवाला देते हुए कांग्रेस को “अपने स्वार्थी व्यक्तिगत हितों के लिए भारत को जेल में” बदलने का आरोप लगाया, आलोक निरंतर ने सुझाव दिया कि वर्तमान पीढ़ी एक पूरे अन्य प्रकार की आपात स्थिति से पीड़ित है।
हेमंत मोरपारिया आशा करते हैं की वर्तमान में वाघा सीमा पर ध्वज रोहण समारोह के दौरान आक्रामक शो प्रदर्शन हो सकता है कि दोस्ताना योग इसका स्थान ले सके ।
कीर्तिश भट्ट दिल्ली के चल रहे चिपको पल को दर्शाते है जिसमें सुझाव देते है कि लोग एक ऐसा आंदोलन कर सकते हैं कि सरकार एसी के लिए तापमान सीमा तय कर सकती है।
फर्स्टपोस्ट में मंजुल ने सुझाव दिया है कि जिन ट्रोलों ने सुषमा स्वराज पर हमला किया था एक अंतर-विश्वास जोड़े को परेशान करने वाले पासपोर्ट अधिकारी की खिंचाई की वे भाजपा की ही ट्रोल आर्मी थी । पिछले कुछ सालों में, भारत में सोशल मीडिया ट्रोलिंग में काफी वृद्धि हुई है।
द इंडियन एक्सप्रेस में, मीका ने हर साल मुंबई को मारने वाली मूसलाधार बारिश से पहले पर्याप्त उपाय करने में नाकाम रहने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में मजाक उड़ाया।
टाइम्स ऑफ इंडिया में संदीप अध्वर्यु सुझाव देते हैं कि आपातकाल के आर्किटेक्ट्स वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में खुद को अनुभवहीन मान सकते हैं।
द हिंदू में, सुरेंद्र दिल्ली के प्रस्तावित पेड़-काटने की ड्राइव पर तंज करते है ।
Read in English : A fresh ‘Emergency’, and the second ‘Chipko’ brewing in sweltering Delhi