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Monday, 25 November, 2024
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भारत-अमेरिकी 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक संपन्न, जयशंकर बोले- एक-दूसरे की सोच को लेकर बेहतर समझ की जरूरत

जयशंकर ने कहा, 'भारत और अमेरिका जैसे सामरिक गठजोड़ साझा हितों, मूल्यों और सतत रूप से इन्हें बढ़ावा देने से ही बनते हैं.

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वाशिंगटनः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत-अमेरिका जैसे सामरिक गठजोड़ साझा हितों, मूल्यों और सतत रूप से इन्हें बढ़ावा देने से ही बनते हैं और बदलती दुनिया में दोनों देशों के संबंध न केवल आगे बढ़ रहे हैं बल्कि वास्तव में वैश्विक शांति में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में उभरे हैं.

जयशंकर ने सोमवार को टू-प्लस-टू मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही. इस बैठक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन व भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया.

जयशंकर ने कहा, ‘भारत और अमेरिका जैसे सामरिक गठजोड़ साझा हितों, मूल्यों और सतत रूप से इन्हें बढ़ावा देने से ही बनते हैं. यह स्वाभाविक है कि हम अपने परिप्रेक्ष्य, अनुभवों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर संबंधों को आगे ले जाएं.’

उन्होंने कहा कि लेकिन जहां हमारे संबंधों के महत्व की साझे तौर पर सराहना होती है, वहां एक दूसरे की सोच को लेकर बेहतर समझ की आकांक्षा भी रहती है.

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘हमारी वार्ता में, मैं समझता हूं कि इससे मदद मिली है.’

उन्होंने कहा कि टू-प्लस-टू प्रारूप में हमने जिस प्रकार का समन्वित परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया, उसने हाल के समय में विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति को रेखांकित किया है और इसमें आर्थिक क्षेत्र की उपलब्धि खास तौर पर महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कारोबार एवं निवेश सतत एवं पुख्ता तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.

जयशंकर ने कहा, ‘हमने कारोबार एवं निवेश के साथ सम्पर्क, आधारभूत ढांचा क्षेत्र, डिजिटल मुद्दों, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा क्षेत्रों पर चर्चा की.’

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य क्षेत्रों में हमारी साझा गतिविधियां उल्लेखनीय हैं.

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम अपने सहयोग को हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर वृहद प्रासंगिकता के रूप में देख रहे हैं. हमारे संबंधों में महत्वपूर्ण बात इनका मानवीय पहलू है.’

जयशंकर ने इस संबंध में छात्रों एवं विश्वविद्यालयों के माध्यम से ज्ञान संबंधी साझेदारी तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये प्रौद्योगिकी एवं कारोबारी संबंधों का जिक्र किया.

जयशंकर ने जलवायु क्षेत्र में सहयोग तथा अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बैठक में हिन्द प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों पर भी खास तौर पर चर्चा की गई.

वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि दोनों देशों में लोगों से लोगों के बीच संबंध बढ़ रहे हैं जो हमारे सम्पूर्ण संबंधों के केंद्र में है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 40 लाख अमेरिकी-भारतीय रहते हैं और करीब 2 लाख भारतीय छात्र हमारे विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को लेकर एक कार्यकारी समूह है. उन्होंने नये संयुक्त शोध एवं आदान प्रदान कार्यक्रमों के विकास का भी जिक्र किया.


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