दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
दिप्रिंट के सोहम सेन ने दिखाया है कि पत्रकारों की हालिया हत्याओं के बावजूद,भारतीय लोकतंत्र में विचार अभी भी अभेद्य हैं और हत्यारों की पहुंच से दूर हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए संदीप अध्वर्यु कहते हैं कि घाटी में हिंसा के बावजूद, ईद के त्यौहार के लिए जम्मू-कश्मीर में रोशनाई और स्वतंत्र भाषा सब पर भारी है।
मेल टुडे में, सतीश आचार्य ने रमज़ान के दौरान जम्मू-कश्मीर में सरकार द्वारा घोषित युद्धविराम का मजाक उड़ाया है ,हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने रमज़ान के पवित्र महीने को ख़ूनी बना दिया है ।
मिड डे के लिए, मंजुल अखिलेश यादव का मज़ाक उड़ाते हैं, जो कथित रूप से मरम्मत की बजाय अपने सरकारी बंगले को क्षति पहुंचाने के लिए विवाद में हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए, सुनील अग्रवाल और अजित निनान वर्तमान सोशल मीडिया के प्रति जुनून का मज़ाक उड़ाते है ।
कार्टूनिस्ट अरविंद लेफ्टिनेंट गवर्नर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खर्च पर मज़ाक बनाते हैं, जो की एलजी के कार्यालय में विरोध करने के बाद भी अभी तक एक बार भी उनके साथ मुलाकात नहीं कर पाए है।
Read in English : Freedom of speech stands tall on Eid and Kejriwal’s endless dharna