नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि दिल्ली में कोई भी काम करना हो तो उपराज्यपाल से अनुमति मांगनी पड़ती है.
केंद्र सरकार पर निशााना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘वहां सीएम का कुछ नहीं चलता क्योंकि वहां सरकार किसी और पार्टी की बनी हुई है.’
मान ने कहा कि पंजाब ने केंद्र सरकार से एक्स्ट्रा बिजली मांगी लेकिन हमें मना कर दिया गया और हरियाणा को दे दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मान ने कहा, ‘पीएम मोदी कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास, तो कहां हैं साथ? ना आपको साथ देना है और ना ही आपको साथ लेना है.’
विधानसभा में भगवंत मान ने कहा, ‘पठानकोट हमले के दौरान सेना आई और मुकाबला किया. कुछ दिनों बाद हमें चिट्ठी मिली कि पंजाब हमें 7.5 करोड़ रुपये दे क्योंकि हमने सेना भेजी थी.’
उन्होंने कहा, ‘हम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास गए और कहा कि 7.5 करोड़ रुपये हमारे एमपीलैड से काट लीजिए पर हमें लिखकर दे दीजिए कि हमने पंजाब को किराए पर सेना दी, पंजाब देश का हिस्सा नहीं है.’
मान ने कहा कि सबसे पहले बंदूक की गोलियां हमारी छाती पर चलती हैं.
बता दें कि शुक्रवार को विधानसभा में चंडीगढ़ को पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग वाला प्रस्ताव पेश किया गया.
मान ने ट्वीट कर कहा, ‘आज केंद्र की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया. चंडीगढ़ पर पंजाब के हक के लिए हर स्तर पर आवाज़ उठाई जाएगी. देश के लिए गोली खाने के लिए सबसे पहले अपना सीना आगे करने वाले शूरवीरों की धरती पंजाब के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’
आज केंद्र की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव पारित किया गया। चंडीगढ़ पर पंजाब के हक़ के लिए हर स्तर पर आवाज़ उठाई जाएगी। देश के लिए गोली खाने के लिए सबसे पहले अपना सीना आगे करने वाले शूरवीरों की धरती पंजाब के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 1, 2022
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