नई दिल्लीः पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बोलते हुए कहा कि, ‘हम लोग फिलिस्तीन और कश्मीर दोनों मामलों में असफल रहे हैं. मुझे यह बात कहते हुए दुख हो रहा है कि हम इस मामले में कोई भी प्रभाव नहीं डाल पाए हैं.’
इमरान खान ने कहा कि, ‘पश्चिमी देशों ने ओआईसी को गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि हम लोग बंटे हुए हैं और वे इस बात को जानते हैं. दुनिया में डेढ़ अरब मुसलमान हैं फिर भी इस अत्याचार को रोकने के लिए हमारी आवाज़ नाकाफी रही.’
कश्मीर में भारत द्वारा स्पेशल स्टेटस को खत्म किए जाने को लेकर इमरान खान ने कहा कि, ‘इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि उन्हें (भारत को) लगता है कि हम एक रिजोल्यूशन पास करेंगे और अपने काम वापस हो जाएंगे.’
इस्लामोफोबिया पर बोलते हुए उन्होंने पश्चिमी दुनिया से सवाल पूछा कि, ‘आखिर वे कैसे मॉडरेट और कट्टर मुसलमान के बीच अंतर कर सकते हैं. इमरान खान ने कहा कि इस्लामोफोबिया लगातार बढ़ता गया और इसका एक बड़ा कारण यह है कि मुस्लिम देशों ने इस गलत नैरेटिव को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया. कैसे किसी भी धर्म को आंतकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. और अगर ऐसा होता है तो कैसे पश्चिमी देश मॉडरेट और कट्टर मुसलमान के बीच फर्क करते हैं.’
उन्होंने कहा कि, ‘खिलाड़ी होने के नाते मैं पूरी दुनिया घूमा हूं. मैं पश्चिमी संस्कृति को काफी लोगों की तुलना में ज्यादा अच्छे से समझता हूं. मैंने 9/11 की घटना के बाद से इस्लामोफोबिया की धारणा को बढ़ते हुए देखा है.’
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चीन के विदेश मंत्री विशेष अतिथि के तौर पर शामिल
57 सदस्यीय ओआईसी की 48वीं सीएफएम बैठक ‘एकता, न्याय और विकास के लिए साझेदारी विकसित करने’ के विषय पर आयोजित हो रही है. इसमें लगभग 46 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व मंत्री स्तर पर हो रहा, जबकि बाकियों की नुमाइंदगी वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कर रहे हैं.
चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी अपने पाकिस्तानी समकक्ष के निमंत्रण पर बैठक में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे हैं.
बैठक के एजेंडे में 2020 में नियामे में आयोजित अंतिम सीएफएम बैठक के बाद से मुस्लिम जगत को प्रभावित करने वाले घटनाक्रमों के अलावा पिछले सत्रों में लाए गए प्रस्तावों, विशेष रूप से फिलिस्तीन और अल कुद्स (यरूशलम) से जुड़े प्रस्तावों के कार्यान्वयन के लिए सचिवालय द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करना शामिल है.
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पाक गृह मंत्री ने विपक्ष को दी थी चेतावनी
वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने ओआईसी के विदेश मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन को राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए विपक्षी दलों के नेताओं को आगाह किया था कि वह इसमें खलल नहीं डाले. बता दें कि पाकिस्तान के विपक्ष ने सम्मेलन में बाधा डालने की चेतावनी दी थी.
राशिद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘मैं यहां घोषणा करता हूं कि कोई भी ओआईसी सम्मेलन के आयोजन में किसी भी तरह की बाधा पैदा करने की हिम्मत नहीं करे क्योंकि यह पाकिस्तान की सुरक्षा का मुद्दा है.’
मंत्री ने कहा था कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने वाले इस्लामी देशों के प्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के 15,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा. संसद में दो दिवसीय कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
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