नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल सम्मिट की. पीएम मोदी ने इस दौरान दोनों देशों के संबंधों में प्रगति का खास तौर से जिक्र किया.
हमारा क्षेत्र बढ़ते परिवर्तन और बहुत दबाव का सामना कर रहा है और मुझे लगता है कि हमारे क्वाड लीडर्स कॉल ने हाल ही में हमें रूस के यूक्रेन पर अवैध आक्रमण पर चर्चा करने का अवसर दिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/fTnMCxSMJf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 21, 2022
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा क्षेत्र बढ़ते परिवर्तन और बहुत दबाव का सामना कर रहा है और मुझे लगता है कि हमारे क्वाड लीडर्स कॉल ने हाल ही में हमें रूस के यूक्रेन पर अवैध आक्रमण पर चर्चा करने का अवसर दिया.’
पीएम मोदी ने कहा क्वीन्सलैंड और न्यू साउथ वेल्स में आई बाढ़ के कारण हुई जानमाल की क्षति के लिए मैं सभी भारतवासियों की ओर से संवेदनाएं प्रकट करता हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘अपने पिछले वर्चुअल समिट में हमने अपने रिश्ते को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया था. मुझे खुशी है कि आज हम दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन स्थापित हुआ.’
‘लेकिन इसने हमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे अपने क्षेत्र के लिए उस भयानक घटना के निहितार्थ और परिणामों पर चर्चा करने का अवसर भी दिया और हमारे सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा करने का भी.’
उन्होंने कहा कि ‘पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. व्यापार, निवेश, डिफेंस, सुरक्षा, एजुकेशन तथा इनोवेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन सभी क्षेत्रों में हमारा बहुत क़रीबी सहयोग है.’
पीएम ने कहा कि कई अन्य क्षेत्र, जैसे क्रिटिकल मिनरल्स, वाटर मैनेजमेंट रिन्यूवल एनर्जी, Covid-19.रिसर्च में भी हमारे बीच सहयोग तेज़ी से बढ़ा है. बेंगलुरु में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पॉलिसी की स्थापना की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं.
मोदी ने कहा कि CECA का शीघ्र समापन हमारे आर्थिक संबंधों, इकोनॉमिक रिवाइवल और इकोनॉमिक सिक्योरिटी के लिए महत्त्वपूर्ण होगा. क्वाड में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है. हमारा यह सहयोग फ्री, ओपन और इन्क्लूसिव इंडो-पैसिफिक के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को लौटाने की पहल के लिए मैं आप को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं. इनमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ कई अन्य भारतीय राज्यों से अवैध तरीकों से निकाली गयी सैकड़ों वर्ष पुरानी मूर्तियां और चित्र हैं.’