नई दिल्ली: यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे नवीन शेखरप्पा ज्ञानागोदार के शव को सुरक्षा कारणों से खारकीव से बाहर ले जाया गया है. दिप्रिंट को यह जानकारी नवीन के परिवार वालों ने दी है. 21 साल के नवीन की मौत एक मार्च को हो गई थी.
नवीन के पिता शेखर गौडा ने कहा, ‘कल, मुझे सरकार की ओर से जानकारी मिली कि सुरक्षा कारणों से शव को खारकीव से बाहर ले जाया गया है. वहां पर और लड़ाई बढ़ गई है और खतरा बढ़ गया है. हमें बताया गया है कि शव को वीन्नित्स्या में रखा गया है.’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार शव को देश में लाने से पहले उसे पोलैंड ले जाने की प्रक्रिया में है.
खारकीव, पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के उत्तर में है. यहां से रूस की सीमा नजदीक है. वहीं, वीन्नित्स्या यूक्रेन के पश्चिमी-मध्य हिस्से में है. यह शहर खारकीव से करीब 710 किलोमीटर दूर है.
नवीन खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल के छात्र थे. एक मार्च को स्थानीय प्रशासनिक भवन पर मिसाइल से की गई बमबारी में उनकी जान चली गई थी. वह बमबारी वाली जगह के करीब थे. वह किराने का सामान खरीदने के लिए वहां पहुंचे थे. हमले के दौरान, उनके कॉलेज के साथी बम-विस्फोट से बचने के लिए बने बंकर में छिपकर जान बचाने में कामयाब रहे. नवीन, भारत लौटकर सर्जन के तौर पर प्रैक्टिस करना चाहते थे.
नवीन के परिवार के मुताबिक, यूक्रेन में भारत के दूतावास ने पार्थिव शरीर के परिवहन से जुड़ी सभी ज़रूरी कार्रवाई पूरी कर ली है और एडवांस रकम का भुगतान भी कर दिया गया है. यूक्रेन में भारत का दूतावास, फिलहाल पोलैंड से काम रहा है.
केंद्र और कर्नाटक सरकार ने रविवार को कहा था कि शव को वापस लाने का प्रयास जारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र के शव को वापस लाने के लिए संबंधित ऑथरिटी को सभी संभव प्रयास करने का निर्देश दिया है. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि खारकीव में बमबारी थमने के बाद, सरकार शव को भारत लाने की प्रक्रिया फिर से शुरू करेगी.
बोम्मई ने इससे पहले कहा था कि नवीन के शव को सुरक्षित किया गया है और उसे खारकीव के एक शवगृह में रखा गया है.
यूक्रेन पर रूस के हमले में अबतक दो छात्रों की मौत की खबर है. नवीन के अलावा पंजाब के बरनाला जिले के चंदन जिंदल की मौत दो मार्च को ब्रेन स्ट्रॉक की वजह से हो गई थी.
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‘पोलैंड के दूतावास से डॉक्यूमेंटेशन की मंजूरी मिलना बाकी’
शेखर गौडा से यह पूछे जाने पर कि उनके बेटे के शव को खारकीव से वीन्नित्स्या ले जाने के लिए किस तरह के परिवहन का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा, ‘हमें यह नहीं बताया गया कि शिफ्ट कैसे किया गया है. हमें बस इतना पता है कि शव को पोलैंड लाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. लेकिन, हमें कोई समयसीमा या तारीख नहीं बताई गई है.
पोलैंड के दूतावास की ओर से लंबित डॉक्यूमेंटेशन की मंजूरी मिलने के बाद शव को वीन्नित्स्या से शिफ्ट किया जाएगा.
कृषि में पीएचडी कर रहे नवीन के बड़े भाई 25 वर्षीय हर्ष ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम शव के वापस आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि अंतिम संस्कार और अन्य ज़रूरी रिवाजों को पूरा किया जा सके.
नवीन का परिवार, उनके पिता के रिटायर होने के बाद, पिछले दो साल से कर्नाटक के हावेरी जिले के चालगेरी गांव में रहता है. इससे पहले, उनका परिवार मैसुरू में करीब सात साल रहा. यहां पर उनके पिता साउथ इंडिया पेपर मिल इंडिया लिमिटेड में मैकेनिकल इंजीनियर थे.
रविवार को ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारतीय छात्रों की आखिरी खेप यूक्रेन से लौटी है.
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