नई दिल्ली : कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनना जरूरी नहीं है. इसके साथ ही हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन केवल एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है. 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई केस नहीं बनता है.’
कर्नाटक हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में सरकारी आदेश जारी करने की शक्ति है. कोर्ट ने मामले से जुड़ी सभी रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी गवर्नमेंट कॉलेज के स्कूल यूनिफॉर्म पर जोर देते हुए हिजाब पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश को बरकरार रखा. साथ कर्नाटक सरकार का 5 फरवरी का वह आदेश भी बहाल रखा जिसमें इस पाबंदी का समर्थन किया गया था.
कोर्ट के मुताबिक, हिजाब पर प्रतिबंध ‘उपयुक्त’ और संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप ही है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं जता सकते.
कोर्ट का यह फैसला कर्नाटक के उडुपी स्थित पीयू कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है.
पीठ ने 25 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले 11 दिनों तक मामले की सुनवाई की थी. कोर्ट ने 11 फरवरी को जारी अपने एक अंतरिम आदेश में स्टूडेंट के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनकर कक्षाओं में जाने पर रोक लगा दी थी, यह आदेश केवल उन स्कूलों पर लागू था जहां छात्रों के लिए यूनिफॉर्म निर्धारित है. मंगलवार को आए आदेश के साथ ही कोर्ट का अंतरिम आदेश खुद-ब-खुद अमान्य हो गया.
कर्नाटक हाई कोर्ट का पूरा फैसला पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक HC ने कहा- इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं हिजाब, स्टूडेंट्स नहीं कर सकते आपत्ति
विवाद की शुरुआत
उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह की कक्षाओं में उन्हें हिजाब पहनने देने की मांग से तब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था जब कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा शॉल पहनकर पहुंच गये. यह मुद्दा राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गया जबकि सरकार वर्दी संबंधी नियम पर अड़ी रही.
एक जनवरी को उडुपी के एक महाविद्यालय की छह लड़कियों ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इसका आयोजन कॉलेज प्रशासन द्वारा इन लड़कियों को हिजाब में कक्षाओं में जाने से रोके जाने के विरूद्ध किया गया था.
यह भी पढ़ें : ‘हिजाब पहनना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं’ कर्नाटक HC प्रतिबंध रखा बरकरार