नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में आयुष मंत्रालय के उस एडवाइजरी और गाइडलाइन को चैलेंज किया गया था जिसमें उनसे राज्य सरकार को आर्सेनिक एल्बम 30 को होम्योपैथिक इम्यून बूस्टर के तौर प्रेस्क्राइब करने को राज्य सरकार को शक्ति दी थी.
जस्टिस विनीत सरन और अनिरुद्ध बोस ने केंद्र व अन्य से डॉक्टर्स और साइंस कम्युनिकेटर्स द्वारा फाइल किए गए याचिका पर जवाब देने को कहा है. याचिका में जारी की गई गाइडलाइन्स, एडवाइजरीज़ और फैक्ट शीट को जिसमें आर्सेनिक एल्बम 30 को कोविड 19 प्रोफाइलैक्टिक की अनुमति दी गई है उसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन मानने की अपील की गई है.
याचिका में सरकार द्वारा आर्सेनिक एल्बम 30 या किसी अन्य होम्योपैथिक दवा को जनसमूह या किसी वर्ग को खासकर बच्चों या 65 साल से अधिक आयु के लोगों को देने पर रोक लगाने की मांग की गई है.
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