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Saturday, 16 November, 2024
होमदेश'डेड बॉडी को लाने में ज्यादा जगह लगती है,' यूक्रेन में मारे गए मेडिकल स्टूडेंट नवीन के 'शव' को लेकर BJP विधायक बोले

‘डेड बॉडी को लाने में ज्यादा जगह लगती है,’ यूक्रेन में मारे गए मेडिकल स्टूडेंट नवीन के ‘शव’ को लेकर BJP विधायक बोले

हुबली-धारवाड़ पश्चिम से भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने कहा नवीन के शव की बजाय जिंदा 8 से 10 छात्रों को यूक्रेन से वापस लाया जा सकता है.

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नई दिल्ली: हुबली-धारवाड़ पश्चिम से भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने हाल ही में यूक्रेन में जान गंवाने वाले नवीन शेखरप्पा की डेड बॉडी को लाने को लेकर असंवेदनशील बयान दिया है. जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है.

एक पत्रकार ने पूछा कि 22 वर्षीय नवीन के शव को वापस लाने के लिए सरकार की योजना कहां तक पहुंची है, के जवाब में विधायक ने कहा कि ‘जगह की कमी’ को देखते हुए नवीन के शव की बजाय 8 से 10 छात्रों को यूक्रेन से घर लाया जा सकता है.

बता दें कि नवीन के माता-पिता कर्नाटक के गृहनगर हावेरी में उसके शव के इंतजार में हैं.

भाजपा नेता ने जवाब दिया, ‘हम कोशिश कर रहे हैं. यह एक युद्धक्षेत्र है जहां युद्ध हो रहा है. आप जानते हैं कि स्थिति क्या है. जो जिंदा हैं उन्हें वापस लाना मुश्किल हो रहा है. शव को वापस लाना बहुत मुश्किल है. एक ताबूत के लिए अधिक जगह चाहिए. इसकी जगह आठ से दस लोगों को ठहराया जा सकता है.’

बेलाड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के अवशेषों को वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं.

एक चैनल ने बताया कि नवीन के पिता शेखरप्पा को पीएम मोदी ने खुद आश्वासन दिया गया था कि छात्र का शव दो दिनों के भीतर घर पहुंच जाएगा.

मेडिकल छात्र – खारकीव नेशनल मेडिकल कॉलेज में अपने चौथे वर्ष में पढ़ रहा था – जब वह गोलाबारी में मारा गया तो खाना खरीदने के लिए अपने बंकर से बाहर निकला था.

बता दें कि नवीन 1 मार्च को यूक्रेन में रूसी गोलाबारी का शिकार होने वाले पहले भारतीय छात्र थे. उसके माता-पिता और भाई भारत सरकार से उसके शव को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं.

पिछले कुछ दिनों में भारत ने हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा, रोमानिया और स्लोवाकिया के माध्यम से युद्धग्रस्त यूक्रेन से 3000 से अधिक नागरिकों को निकाला है. छात्रों को युद्ध ग्रस्त इलाके से निकालने के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, वीके सिंह और किरण रिजिजू को लगाया गया है. वहीं भारत आने पर इन छात्रों का स्वागत भी कई केंद्रीय मंत्री कर रहे हैं.


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