रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए संघर्ष ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है. लड़ाई के पहले दिन ही यूक्रेन में जबरदस्त तबाही देखने को मिली है. समाचार एजेंसी एएफपी ने शुक्रवार को बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में जबरदस्त धमाके की आवाज सुनाई दी है. इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की बता चुके हैं कि हमले के पहले दिन ही 137 लोगों की जान जा चुकी है.
इसी बीच दुनियाभर के देश और नेता स्थिति को बेहतर करने की कोशिशों में जुटे हैं जिसके चलते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करते हिंसा को रोकने की अपील की. इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस मुद्दे पर बातचीत की है.
पीएम मोदी ने फोन पर की बात
पीएम मोदी ने गुरुवार को रूस-यूक्रेन हिंसा को तत्काल खत्म करने के लिए और राजनयिक वार्ता के रास्ते पर फिर लौटाने के ठोस प्रयास किए. प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान ‘अपने दीर्घकालिक दृढ़ विश्वास’ को दोहराया कि रूस और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) समूह के बीच मतभेदों को सिर्फ ‘ईमानदार और गंभीर वार्ता’ से ही सुलझाया जा सकता है.
यूक्रेन में फंसे भारतीयों की चिंता
टेलीफोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
पीएमओ ने कहा कि नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे.
मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में रूसी बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान पुतिन ने डोनबास की नागरिक आबादी के खिलाफ ‘कीव की आक्रामक कार्रवाई’ के बुनियादी आकलन के साथ-साथ मिन्स्क समझौतों को तोड़ने के उद्देश्य से यूक्रेन की ‘विनाशकारी नीति’ को रेखांकित किया.
पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की इस वार्ता से पहले यूक्रेन ने कहा था कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है.
यूक्रेन पर रूसी हमलों में आई तेजी के बाद भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है. साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत से समर्थन मांगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की अमेरिका से बात
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि यूक्रेन पर चल रहे घटनाक्रम और उसके प्रभावों को लेकर उन्होंने ब्लिंकन के साथ चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन संकट पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से टेलीफोन पर बातचीत की.
न्होंने कहा, ‘‘ ब्लिंकन से फोन कॉल की सराहना करता हूं. यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम और इसके प्रभावों पर चर्चा की.’
लावरोव के साथ बातचीत के बारे में जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अपने रूसी समकक्ष को बताया कि बातचीत और कूटनीति आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है.
विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘यूक्रेन के घटनाक्रम पर अभी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात की. इस बात पर जोर दिया कि बातचीत और कूटनीति आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है.’
अमेरिका ने जर्मनी में तैनात किए सैनिक
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जर्मनी में 7 हजार अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के आदेश दिए हैं. ये आदेश ऐसे समय में दिया गया है जब यूक्रेन और रूस के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है. बाइडेन ने सैनिकों की तैनाती करते हुए कहा, अब मैं नाटो की प्रतिक्रिया के रूप में जर्मनी में तैनात करने के लिए अमेरिकी क्षमताओं को अधिकृत कर रहा हूं. इसमें कुछ सैनिक ऐसे हैं, जिन्हें रक्षा विभाग ने स्टैंडबाय पर रखा था.
चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने से इंकार कर दिया. चीन के विदेश मंत्री वांग यी गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की और सभी पक्षों से संयं बरतने और तनाव को अनियंत्रित होने से रोकने का आह्वान किया.
इसके अलावा ब्राजील ने रूस के यूक्रेन पर हमलों की निंदा की है.
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