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आज के फीचर कार्टून में सतीश आचार्य 2014 में अपने चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो वादे किए थे उनका जिक्र कर रहे हैं. आचार्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अगले 25 सालों के लिए ‘ब्लूप्रिंट’ द्वारा उस पर तंज कस रहे हैं और कह रहे हैं कि वो वादे भविष्य में और आगे बढ़ाया जा रहा हैं.
संदीप अध्वर्यु अगले 25 वर्षों में ‘अमृत काल’ का वादा करने के लिए मोदी सरकार के बजट की चुटकी ले रहे हैं,
और वो आम लोगों की वर्तमान आर्थिक दुर्दशा को देखते हुए इसे खोखला बता रहे हैं.
आर प्रसाद ‘अमृत काल’ के वादे पर टिप्पणी कर रहे हैं. यह सुझाव दे रहे हैं कि यह सिर्फ वर्तमान कलि काल (जिसे कलयुग भी कहा जाता है) के बाद आएगा, इसका मतलब है कि अंधकार युग बीत जाएगा. वह इसे दो साल पहले गृह मंत्री अमित शाह के ‘कालक्रम’ के बयान से भी जोड़ कर देख रहे हैं.
साजिथ कुमार ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को हैरानी में डाल दिया है कि अगले 25 सालों में भारत में उनके नामो-निशान मिटाने के लिए कितना बजटीय आवंटन दिया गया है.
मंजुल ने बुधवार को लोकसभा में मोदी सरकार की आलोचना करने वाले भाषण के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की निंदा करने वाले राजनेताओं का ध्यान खींचने की कोशिश की है. उन्होंने सुझाव दिया है कि राहुल ने जो किया वो संविधान की मिसाल है.
ई.पी. उन्नी 2022 के बजट का जिक्र कर रहे है जिसमें अगले 3 सालों में 400 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने की एक भव्य योजना पेश की है. उन्नी ट्रेनें किस उद्देश्य से काम कर सकती हैं उस पर टिप्पणी कर रहे हैं.
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