नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करते हुए मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए नए उपकरणों की खरीद के लिए कैपिटल आउटले को मौजूदा वित्त वर्ष के 1.38 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया.
पेंशन सहित कुल रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जो चालू वित्त वर्ष में 4.78 लाख करोड़ रुपये का था. नया रक्षा बजट भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2.03 प्रतिशत है.
सीतारमण द्वारा पेश बजट में पूंजीगत बजट का 68 फीसदी हिस्सा घरेलू रक्षा उपकरण निर्माताओं के लिए निर्धारित करके उन्हें बढ़ावा देने पर खास जोर दिया गया. वहीं अनुसंधान और विकास निधि का 25 फीसदी हिस्सा निजी कंपनियों, स्टार्ट-अप और शोध संगठनों के लिए आवंटित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार सशस्त्र बलों के लिए सैन्य उपकरणों का आयात घटाकर इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. 2022-23 में पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित होगा, जो 2021-22 में 58 प्रतिशत था.’
2020-21 में 58 प्रतिशत लक्ष्य रखा गया था और वर्तमान बजट में 63 प्रतिशत पूंजी बजट घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है और अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय 64 प्रतिशत हासिल करने में सक्षम है.
वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र को उद्योग, स्टार्टअप और शैक्षणिक शोध के लिए खोला जाएगा और रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा इसके लिए निर्धारित किया गया है.
यह भी पढ़ें : चीन से गतिरोध बने रहने के बीच सेना ने LAC की निगरानी के लिए भारत में निर्मित और अधिक ड्रोन्स ऑर्डर किए
उन्होंने कहा, ‘एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) मॉडल के माध्यम से निजी उद्योगों को डीआरडीओ और अन्य संगठनों के साथ मिलकर सैन्य प्लेटफार्म और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.’
उद्योगों के अनुकूल एक और कदम का जिक्र करते हुए उन्होंने व्यापक स्तर पर टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र नोडल नियामक इकाई बनाने की भी घोषणा की.
सशस्त्र बल, विनिर्माण उद्योग बजट का स्वागत कर रहे हैं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट का स्वागत करते हुए कहा, ‘यह ‘वोकल फॉर लोकल’ पर दिए जा रहे जोर के अनुरूप है और निश्चित तौर पर घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देगा.’
जैसा अपेक्षित था, भारतीय उद्योग जगत ने भी रक्षा बजट का स्वागत किया है. सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के अध्यक्ष एस.पी. शुक्ला की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि बजट निवेश की गति बनाए रखेगा और नई क्षमताएं बढ़ाने में मददगार साबित होगा.
सशस्त्र बलों ने कैपिटल आउटले में वृद्धि का स्वागत किया और कहा कि पिछले साल के बजटीय अनुमानों के विपरीत, जो 1.35 लाख करोड़ था, सुरक्षा बलों को अपने खर्चों को पूरे करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिले हैं जो कि मुख्यत: नौसेना से संबंधित हैं.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)