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Tuesday, 5 November, 2024
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बजट 22 को अमित शाह ने बताया ‘दूरदर्शी’, विपक्ष ने कहा ‘मोदी के बजट में कुछ नहीं’

सीताराम येचूरी ने सवाल किया कि यह बचट किसके के लिए है? कोरोना काल में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वालों पर टैक्स क्यों नहीं लगाया जा रहा है?

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दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए वर्ष 2022-23 के आम बजट को ‘दूरदर्शी बजट’ करार दिया है. उन्होंने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर बजट को नए भारत की नींव डालने वाला बताया.

अमित शाह ने ट्वीट किया कि ‘मोदी सरकार द्वारा लाया गया ये बजट, एक दूरदर्शी बजट है, जो भारत की अर्थव्यवस्था का स्केल बदलने वाला बजट साबित होगा. ये बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के नए भारत की नींव डालेगा. इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी जी और निर्मला सीतारमण जी का अभिनंदन करता हूं.’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बजट को प्रगतिशील बताते हुए कहा कि यह किसानों, महिलाओं, युवाओं को फायदा पहुंचाने वाला है. एमएसपी जैसी अहम घोषणाएं, किसानों की आय दोगुनी करने के उपाय, युवाओं के लिए 60 लाख रोजगार, मिशन शक्ति जैसे महिला सशक्तिकरण के उपाय हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे.’

उधर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘रक्षा समेत कई क्षेत्रों में विकास और रिसर्च के लिए काफी बजट आवंटित की गई है. R&D बजट का 25 प्रतिशत स्टार्टअप और निजी संस्थाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव एक बेहतरीन कदम है.’

वहीं, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने ‘अमृत बजट’ करार दिया और कहा कि यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरुप है.

चौबे ने एक बयान में कहा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह अमृत बजट है और यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है.’

वहीं, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट को रोजगार पैदा करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि ‘कृषि, ग्रामीण समेत सभी क्षेत्रों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है और साथ ही इसके बाद बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया गया है.’ उन्होंन आगे कहा कि मेरे मंत्रालय में ‘पर्वत माला’ परियोजना की शुरूआत पहाड़ी क्षेत्रों के लिए एक बेहतरीन तौहफा है जिससे  रोजगार पैदा होंगे. इस बेहतरीन बजट के लिए वित्त मंत्री का शुक्रगुजार हूं.’


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‘यह एक पेगासस स्पिन बजट है’

कांग्रस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया कि ‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. मध्य वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.’

वहीं, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी को आम लोगों के लिए बजट को जीरो बताया है. उन्होंने ट्वीट कि ‘बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए बजट जीरो है. सरकार बड़े शब्दों में उलझ गई है जिसका कोई मतलब नहीं है – यह एक पेगासस स्पिन बजट है.’

उधर, कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने कहा है कि यह बजट वेतन वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात करता है. उन्होंने ट्वीट किया कि ‘भारत के वेतन वर्ग और मध्यम वर्ग, महामारी के चलते सैलरी की कटौती और कमर तोड़ देने वाली महंगाई के समय में राहत की उम्मीद कर रहे थे. डायरेक्ट टैक्स उपायों में वित्त मंत्री और पीएम ने उन्हें फिर से निराश किया है. यह भारत के वेतन वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है.’

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचूरी ने सवाल किया कि यह बचट किसके के लिए है? कोरोना काल में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वालों पर टैक्स क्यों नहीं लगाया जा रहा है? उन्होंने ट्वीट किया कि ‘बजट किसके लिए? सबसे अमीर 10% भारतीयों के पास देश की 75% संपत्ति है. नीचे के 60% के पास 5 फीसदी से कम के मालिक हैं. महामारी के दौरान सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वालों पर, जबकि बेरोजगारी, गरीबी और भूख बढ़ी है, उन पर अधिक टैक्स क्यों नहीं लगाया जा रहा है?

 

उधर, बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया कि ‘ संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित. केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?’

 

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने लिखा कि ‘हीरे सरकार के सबसे अच्छे दोस्त हैं. किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री चिंता नहीं करते हैं.’

 

‘संक्षिप्तता हमेशा एक गुण रहा है’

मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि बजट में हेल्थ-केयर के बारे में बहुत कम जिक्र किया गया है. 2-3 चीजें हमारे लिए मददगार हैं – एक तो यह कि स्किलिंग पहल तेज हो गई है यह अच्छा हुआ है.  हेल्थ-केयर सिस्टम में मदद के लिए हमें कुशल श्रमशक्ति की जरूरत है.’

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य रजिस्ट्री की मदद से हम सभी को नेटवर्क बनाने के लिए एक मंच मिलेगा जिससे यह पता चल सके कि हमारे बुनियादी ढांचे की स्थिति क्या है? मेंटल हेल्थ पोर्टल से भी काफी मदद होगा.’

उधर, महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया कि ‘संक्षिप्तता हमेशा एक गुण रहा है. निर्मला सीतारमण का सबसे छोटा बजट, सबसे प्रभावशाली साबित हो सकता है.’

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बजट के बारे में कहा है कि ‘क्रिप्टो जैसी वर्चुअल संपत्ति पर बैन नहीं लगाया जाएगा लेकिन इसे एक अन्य परिसंपत्ति वर्ग के रूप में माना जाएगा और पूंजीगत लाभ पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. इसका फिलहाल रेगुलेशन किया जा रहा है, जो क्रिप्टो जैसे नए परिसंपत्ति वर्ग के लिए एक अच्छी बात है.’

FICCI के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि ‘व्यापार के नज़रिए से दो चीज़े कंसिस्टेंसी ऑफ पॉलिसी और कंसिस्टेंसी ऑफ टैक्स रेट महत्वपूर्ण हैं. इसके लिए मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने इसमें ज़्यादा बदलाव नहीं किए. नए टैक्स भी लागू नहीं किए गए.’


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